रत्नमणि पहनें, प्रसन्नचित्त रहें...

बेहतर प्रोफेशनल लाइफ के लिए पहने रत्नमणि

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नीले खून की तरह चमकती रत्नमणि का रंग वैसे तो लाल भूरा होता है लेकिन ये लाल, हल्का लाल, जामुनी, वायलेट रंग में भी पाई जाती है। रक्तमणि अपारदर्शी होती है लेकिन कभी-कभी ये पारदर्शी और शुद्ध रूप में भी पाई जाती है इसका अधिकतर इस्तेमाल गहनों और मालाएँ बनाने में किया जाता है। रत्नमणि उन लोगों का बर्थस्टोन होता है जो कि जनवरी में पैदा हुए होते हैं। इससे साँप के काटे का जहर नहीं लगता और फूड पॉइजनिंग नहीं होती है।

इस रत्न को धारण करने से अच्छी, लंबी और बेहतर प्रोफेशनल लाइफ उपहार में मिलती है, जिससे धीरे-धीरे अच्छा खासा पैसा भी इकट्ठा किया जा सकता है। ये उन लोगों के लिए शुभ होता है जिनका भाग्य अंक 4 या 8 होता है। जिन औरतों को सिरदर्द या बदन दर्द की शिकायत होती है या जो बेहद कोमल होती हैं, उनके लिए इस रत्न को धारण करना अच्छा होता है। जो लोग जनवरी में पैदा होते हैं उनके लिए भी ये रत्न अच्छा होता है। ये धारक को रात के डरावने सपनों से बचाता है।

जो लोग तनाव या चिंताग्रस्त हों वे भी इसे पहन सकते हैं। इसके अलावा हार्ट के मरीजों के लिए भी यह रत्न फायदा पहुँचाता है। इसे धारण करने से चिंताएँ खत्म होती हैं और लोग प्रसन्नचित होते हैं। इसे सफाई, प्रेम, समर्पण, स्नेह, दया, दान आदि का प्रतीक माना जाता है। मंत्री, चिकित्सक, सैनिक इस रत्न को आसानी से धारण कर सकते हैं।

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रत्नमणि अधिकतर अफ्रीका में पाई जाती है। इसके अधिक मात्रा में उपलब्ध होने के कारण ये सस्ता भी होता है इसका आभूषण बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है और इस पत्थर से ज्वेलरी को नया लुक मिल जाता है। लाल के साथ रक्तमणि हरे, पीले, नारंगी आदि कई रंगों में भी पाई जाती है जिस रंग में यह नहीं पाई जाती है वह है नीला, कई रक्तमणियाँ ऐसी भी होती हैं जो कि समय और मौसम के अनुसार अपना रंग बदल लेती हैं।

इसकी एक विशेषता यह भी है कि इसको इस्तेमाल करने में ज्यादा जटिलता का सामना नहीं करना पड़ता इसके टूटने-फूटने का डर कम रहता है लेकिन जरूरत से ज्यादा गर्म करने पर ये अपनी चमक खो बैठते हैं इसका रिफ्लेक्टिव इंडेक्स भी बहुत उच्च होता है।

वैसे लाल रक्तमणि को कई अन्य नाम जैसे ऐरिजोना रूबी, ऐरिजोना स्पाइनल, मोंटाना रूबी और न्यू मेकिस्को रूबी, एंल्मंडाइन, एंड्राडाइट, डेमेंटायड, ग्रोसुलराइट, हेसोनाइट, पाइरोप, रोडोलाइट, सावेरिथ, पेसरटिन, यूवेरोवाइट आदि के नाम से भी जाना जाता है। वैसे आभूषणों में रक्तमणि का इस्तेमाल इजिप्ट, ग्रीक और रोमन समय से ही किया जाता है।

पहले के लोग रक्तमणि को अपने साथ इसलिए रखते थे क्योंकि उनका मानना होता था कि ये रत्न लोगों को बुरी नजर से बचाता है और लोगों की रक्षा करता है साथ ही रात में अंधेरे में रक्त प्रकाश दिखाता था अब विज्ञान यह सिद्द कर चुका है कि रक्तमणि में इतनी चमक इसके उच्च रिफ्लेक्टिव इंडेक्स की वजह से आती है। आज के समय में रक्तमणियाँ अफ्रीका, भारत, रूस और मध्य व दक्षिणी अमेरिका में भी पाई जाती हैं।

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