अनुराधा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति का भविष्यफल...

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0 डिग्री से लेकर 360 डिग्री तक सारे नक्षत्रों का नामकरण इस प्रकार किया गया है- अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, अश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती। 28वां नक्षत्र अभिजीत है। आइए जानते हैं अनुराधा नक्षत्र में जन्मे जातक का भविष्यफल।

अनुराधा का अर्थ होता है सफलता। नक्षत्र मंडल का 17वां नक्षत्र है अनुराधा नक्षत्र। आकाशगंगा में अनुराधा का विस्तार 213 अंश 20 कला से 226 अंश 40 कला तक निर्धारित है। आकाश मंडल में अनुराधा 3 या 4 तारों का समूह मंडल है। अधिकतर विद्वान इसमें 4 तारों का समूह मानते हैं। अनुराधा में उत्तरीय सहित वस्त्र का दान करने का नियम है।

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अनुराधा नक्षत्र : अनुराधा नक्षत्र का स्वामी शनि और राशि स्वामी मंगल होने के कारण इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर दोनों ही ग्रहों का प्रभाव रहता है। अनुराधा नक्षत्र में उत्पन्न जातक की जन्म राशि वृश्चिक, राशि स्वामी मंगल, वर्ण ब्राह्मण, वश्य कीट, योनि मृग, महावैर योनि श्वान, गण देव तथा नाड़ी मध्य है।

* प्रतीक चिह्न : तोरण द्वार
* वृक्ष : मौलश्री
* रंग : लाल बादामी
* अक्षर : न
* नक्षत्र स्वामी : शनि
* राशि स्वामी : मंगल
* देवता : मित्र, भैरव
* शारीरिक गठन : सामान्य
* भौतिक सुख : भवन और वाहन

* सकारात्मक पक्ष : यदि मंगल की‍ स्थिति अच्छी है तो ऐसा जातक दर्शन, वेद, पुराण एवं विज्ञान तथा तकनीकी कार्यों में रुचि रखने वाला, कला निपुण, अध्ययनशील, परिश्रमी, उत्साही, प्रयोगवादी, आविष्कारक, शोधकर्ता होता है जिसके चलते उसकी उन्नति होती रहती है। विदेश जाने और वहीं रहने के योग बनते हैं।

नकारात्मक पक्ष : यदि मंगल और शनि दोनों या दोनों में से एक भी कुंडली में खराब स्थिति में है तो जातक को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में वह गुप्त कार्यों में विशेष निपुण, स्वार्थी, हिंसात्मक प्रवृत्ति, कठोर, क्रूर स्वभाव का बन जाता है।

प्रस्तुति : शताय ु

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