मघा नक्षत्र में वर्षा शुभ

बच्चों के लिए अमृत है पानी

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मघा नक्षत्र में बरसात के पानी को भगोने या बाल्टी में एकत्रित कर रखना चाहिए। इस जल को छोटे-छोटे बच्चे के पेट में कीडे होने पर यह जल पिलाने से पेट के की़ड़े समाप्त हो जाते हैं। इस जल को भरकर रखने पर जल में की़ड़े नहीं होते हैं। जैसे गंगाजल समान ही यह अमृत जल कहा जाता है।

16 अगस्त से शुरू हुई मघा नक्षत्र में वर्षा को शुभ माना गया है। ज्योतिष के अनुसार इस समय होने वाली वर्षा का पानी गंगाजल के समान होता है। यह पानी कृषि के लिए तो अच्छा होता ही है, साथ ही मनुष्य पर भी अपना विशेष प्रभाव छो़ड़ता है।

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ज्योतिषी हिंगे के अनुसार 16 अगस्त की उत्तररात्रि से सूर्यग्रह मघा नक्षत्र में प्रवेश कर चुका है। उस समय कर्क लग्न जिसका लग्नाधिपति चंद्रमा है, जो जल का कारक है और वरुण मंडल योग हुआ है। वह भी जल का देवता है। अमृत जल सूचक भैंस वाहन इस नक्षत्र का है। भैंस को भी जल में बैठना अच्छा लगता है। बुध, शनि सजल नाड़ी में है।

हिंगे ने कहा कि 20 अगस्त को मंगल शुक्र ग्रह युती पर्जन्य कारक होने के कारण इस मघा नक्षत्र में सूर्य के प्रथम चरण में अमृत जल वर्षा हो रही है। यह खेती के लिए काफी अच्छी है। उन्होंने बताया कि 3 से 9 सितंबर तक अभी और वर्षा होगी।

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