मार्गशीर्ष माह और मृगशिरा नक्षत्र का आपस में क्या है संबंध जानिए, कैसा होता है इस नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति का भविष्य

अनिरुद्ध जोशी
मृगशिरा का अर्थ है मृग का शीष। आकाश मंडल में मृगशिरा नक्षत्र 5वां नक्षत्र है। यह सबसे महत्वपूर्ण नक्षत्र माना जाता है। आकाश में यह हिरण के सिर के आकार का नजर आता है।
 
 
शास्त्रों के अनुसार मार्गशीर्ष महीने का संबंध मृगशिरा नक्षत्र से भी है। ज्योतिष के अनुसार 27 नक्षत्र माने गए हैं। 0 डिग्री से लेकर 360 डिग्री तक सारे नक्षत्रों का नामकरण इस प्रकार किया गया है- अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, अश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती। 28वां नक्षत्र अभिजीत है।

 
इन्हीं 27 नक्षत्रों में से एक नक्षत्र का नाम है मृगशिरा नक्षत्र। मगसर महीने की पूर्णिमा मृगशिरा नक्षत्र से युक्त होती है इसलिए इस महीने को मार्गशीर्ष मास कहा जाता है। श्रीमद्भागवत में भगवान कृष्ण ने स्वयं कहां हैं 'मासानां मार्गशीर्षोऽहम्' अर्थात् समस्त महिनों में मार्गशीर्ष मेरा ही स्वरूप है। यहां जानते हैं, मृगशिरा नक्षत्र में जन्मे जातक कैसे होते हैं? 
 
मृगशिरा नक्षत्र का अधिपति ग्रह मंगल को माना जाता है। मृगशिरा नक्षत्र के पहले दो चरण वृषभ राशि में स्थित होते हैं और शेष 2 चरण मिथुन राशि में स्थित होते हैं, जिसके कारण इस नक्षत्र पर वृषभ राशि तथा इसके स्वामी ग्रह शुक्र एवं मिथुन राशि तथा इसके स्वामी ग्रह बुध का प्रभाव भी रहता है। इस तरह इस नक्षत्र में जन्मे जातक पर मंगल, बुध और शुक्र का प्रभाव जीवनभर बना रहता है।

 
मृगशिरा नक्षत्र का स्वरूप
 
* प्रतीक : मृग
 
* रंग : सिल्वर ग्रे
 
* अक्षर : व, क
 
* वृक्ष : खैर
 
* नक्षत्र स्वामी : मंगल
 
* राशि स्वामी : शुक्र और बुध

 
* देवता : सोम
 
* शारीरिक गठन : इस नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति सुंदर होते हैं और उनके हाथ-पैर लंबे होते हैं।
 
* भौतिक सुख : स्त्री, भवन, वाहन और सभी प्रकार का सुख मिलने की शर्त मंगल का अच्‍छा होना।
 
* नकारात्मक पक्ष : यदि शुक्र, मंगल और बुध में से किसी की भी स्थिति अच्छी नहीं है तो जातक मानसिक रूप से असंतुष्ट, चपल-चंचल, शंकालु, डरपोक, क्रोधी, परस्त्रीगमन करने वाला होगा। ऐसे व्यक्तित्व से सभी तरह के सुख जाते रहेंगे। इस नक्षत्र के व्यक्ति अपने कर्मों से 33 साल की अवधि तक जीवन को जटिल बना लेते हैं।

 
* सकारात्मक पक्ष : समाज प्रिय, अपने कार्य में दक्ष, संगीत-प्रेमी, सफल व्यवसायी, अन्वेषक, अल्प-व्यवहारी, परोपकारी, नेतृत्व क्षमताशील होता है।

ALSO READ: बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मे जातक, जानिए भविष्यफल

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

Indian Calendar 2025 : जानें 2025 का वार्षिक कैलेंडर

Vivah muhurat 2025: साल 2025 में कब हो सकती है शादियां? जानिए विवाह के शुभ मुहूर्त

रावण का भाई कुंभकरण क्या सच में एक इंजीनियर था?

शुक्र का धन राशि में गोचर, 4 राशियों को होगा धनलाभ

सभी देखें

नवीनतम

Aaj Ka Rashifal: आज किसे मिलेंगे धनलाभ के अवसर, जानिए 23 नवंबर का राशिफल

23 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

23 नवंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

Vrishchik Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: वृश्चिक राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

Kaal Bhairav Jayanti 2024: काल भैरव जयंती कब है? नोट कर लें डेट और पूजा विधि

अगला लेख