पूर्वा भाद्रपद

पं. अशोक पँवार 'मयंक'
ND
पूर्वा भाद्रपद के अंतिम चरण में जन्मा आकर्षक होता है।

गुरु का नक्षत्र पूर्वा भाद्रपद का अंतिम चरण मीन राशि में आता है। इसे ही नाम से पहचाना जाता है।

गुरु का नक्षत्र व गुरु की राशि मीन में होने से ऐसा जातक आकर्षक व्यक्तित्व का धनी, गुणवान, धर्म, कर्म को मानने वाला, ईमानदार, परोपकारी, न्यायप्रिय होता है। गुरु यदि अपनी राशि धनु या मीन में हो तो ऐसे जातक सदाचारी होते हैं।

ऐसे जातकों को शिक्षण से संबंधित कार्यों में भी उत्तम सफलता मिलती है। गुरु यदि मेष लग्न में नवम भाव, लग्न या पंचम भाव या उच्च का होकर चतुर्थ भाव में स्थित हो तो ऐसे जातक माता, भूमि, भवन, संतान, विद्या भाग्य के क्षेत्र में उत्तम स्थिति पाते है।

मीन राशि में हो तो जन्म स्थान से दूर भाग्योदय होता है।

वृषभ लग्न में गुरु की स्थिति एकादश, तृतीय पंचम सप्तम में हो तो लाभ के मामलों में जातक ईमानदारी अधिक रखता है। पत्नी गुणी मिलती है।

Show comments

ज़रूर पढ़ें

Shardiya navratri 2025: इस बार शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से, जानिए किस पर सवार होकर आ रही है मां दुर्गा

Sarvapitri amavasya 2025: वर्ष 2025 में श्राद्ध पक्ष की सर्वपितृ अमावस्या कब है?

September 2025: सितंबर माह में कैसा रहेगा भारत का भविष्य, क्या रहेगी राजनीतिक उठापटक

Shradh paksh 2025: श्राद्ध के 15 दिनों में करें ये काम, पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति

Shradh Paksha 2025: श्राद्ध कर्म नहीं करने पर क्या होता है?

सभी देखें

नवीनतम

14 September Birthday: आपको 14 सितंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 14 सितंबर, 2025: रविवार का पंचांग और शुभ समय

Weekly Horoscope September 2025: 12 राशियों का हाल, इस हफ्ते किसकी चमकेगी किस्मत?

Jivit Putrika Vrat 2025: जीवित्पुत्रिका या जिऊतिया व्रत 2025 कब रखा जाएगा, जानें महत्व और पूजा विधि

shraddha Paksha 2025: श्राद्ध पक्ष में नवमी तिथि के श्राद्ध का महत्व, विधि, जानिए कुतुप काल मुहूर्त और सावधानियां