मघा नक्षत्र : इस नक्षत्र का स्वामी केतु है। मघा नक्षत्र में उत्पन्न जातक की जन्म राशि सिंह तथा राशि स्वामी सूर्य, वर्ण क्षत्रिय, वश्य चतुष्पद, योनि मूषक, महावैर योनि बिडाल, गण राक्षस तथा नाड़ी अंत्य है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार मघा नक्षत्र के सभी चार चरण सिंह राशि में स्थित होते हैं जिसके कारण इस नक्षत्र पर सिंह राशि तथा इसके स्वामी ग्रह सूर्य का प्रभाव भी पड़ता है। मघा नक्षत्र के जातक पर जीवनभर केतु और सूर्य का प्रभाव बना रहता है।
*प्रतीक : राज सिंहासन
*रंग : क्रीम
*अक्षर : म
*वृक्ष : बरगद
*नक्षत्र स्वामी : केतु
*राशि स्वामी : सूर्य
*देव : पितृ
*भौतिक सुख : मकान भूमि, भवन, माता का सुख उत्तम मिलता है।
*सकारात्मक पक्ष : माता-पिता का भक्त, स्पष्टवादी, समाजसेवी, श्रेष्ठ बुद्धि वाला, अपनी स्त्री के वश में रहने वाला तथा शत्रुओं का नाश करने वाला होता है। ये बड़ी कंपनियों और संगठनों, कानून, उच्च न्यायालय, इतिहास, पुरातत्व, परंपरा को बनाए रखने (विश्वविद्यालयों, सामाजिक संस्थान, क्लब) आदि में कार्य कर सकते हैं।
*नकारात्मक पक्ष : यदि चन्द्रमा, केतु और सूर्य खराब स्थिति में हैं तो मुंहफट, जल्दी ही मान जाने वाला, भिड़ंतशील, सुरक्षात्मक स्थिति का इच्छुक, शक्की, भावुक, चिंताग्रस्त मनः स्थिति वाला और उन्नति में बार-बार बाधाओं का शिकार होता है।
प्रस्तुति : शताय ु