साल का पहला गुरु-पुष्य नक्षत्र

अमृत एवं सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग

Webdunia
ND

यदि आप कोई वस्तु खरीदना चाहते हैं और फलदायी बनाना चाहते हैं तो उसे गुरुवार को खरीद लीजिए। गुरुवार को साल का पहला गुरु-पुष्य नक्षत्र है। साथ ही अमृत सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग भी है।

पंडितों के अनुसार गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र का होना काफी लाभप्रद होता है। इस दिन किए गए कार्यों का उत्तम फल प्राप्त होता है। पुष्य नक्षत्र बुधवार की रात्रि से प्रारंभ हो रहा है जो गुरुवार को रात्रि तक रहेगा। इसलिए गुरुवार का पूरा दिन खरीदारी के लिए श्रेष्ठ रहेगा। यह साल का पहला पुष्य नक्षत्र है। इसके बाद 20 अक्टूबर एवं 17 नवंबर को यह संयोग बनेगा।

पं. भँवरलाल के अनुसार गुरु-पुष्य का शुभारंभ सूर्योदय के साथ हो रहा है। इसलिए इस दिन गुरु-पुष्यांमृत योग का संयोग बनेगा। जो खरीदारी सहित सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन खरीदी गई वस्तु का स्थायित्व बना रहता है। साथ ही इस दिन श्रीयंत्र, पारद शिवलिंग एवं श्वेतार्क गणपति की साधना विशेष फलदायी होती है। शादी विवाह के बीच आ रहे इस संयोग को लेकर व्यापारियों में काफी उत्साह है।

ND
पंडित प्रहलाद पंड्या ने बताया कि गुरु-पुष्य का दिन सभी प्रकार की खरीदारी के लिए शुभ है। इस दिन स्वर्ण, चाँदी के आभूषण, रत्न, वस्त्र स्थायी संपत्ति जैसे भूमि-भवन वाहन आदि क्रय करना काफी शुभ होता है। गुरु-पुष्य में खरीदी गई सामग्री में स्थायित्व रहता है। 20 को गुरु-पुष्य अमृत योग का संयोग बना है। साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी है। इसलिए यह दिन सभी प्रकार की खरीदारी एवं शुभ कार्यों के लिए उत्तम है।

गुरुवार को विशेष रूप से अमृत सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योगों का महायोग होने से कुछ न कुछ खरीदारी करना इस दिन शुभ माना जाएगा। इस दिन खास तौर पर इलेक्ट्रानिक्स गुड्स, टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, कम्प्यूटर, लैपटाप, स्कूटर, बाइक, कार, भूमि, भवन, बर्तन, सोना, चाँदी आदि का व्यापार होगा।

मकर संक्रांति के बाद शादी विवाह के शुभ मुहूर्त होने से भी बाजार में काफी माँग रहेगी। इस साल का पहला पुष्य नक्षत्र कारोबार के लिहाज के काफी शुभ माना जा रहा है। व्यापारियों को शुभ मुहूर्त में अच्छी ग्राहकी की उम्मीद है।

Show comments

ज़रूर पढ़ें

पुरी में क्यों होती है भगवान जगन्नाथ की अधूरी मूर्ति की पूजा, जानिए ये गूढ़ रहस्य

संत अच्युतानंद दास की भविष्य मालिका की 25 भविष्यवाणियां

मंगल केतु की युति से होता है भयानक हादसों का सृजन, इसलिए 28 जुलाई तक ऐसी जगहों से बचकर रहें

क्यों खतरनाक बना 2025, 6 महीने में 6 हादसों का ज्योतिष विश्लेषण

कब से शुरू होगी आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि, क्या है इसकी पूजा का मुहूर्त

सभी देखें

नवीनतम

बुध का कर्क राशि में गोचर, 3 राशियों के लिए शुभ और 3 के लिए अशुभ

बाबा वेंगा ने क्यों की थी भारत पर टिड्डियों के हमले की भविष्यवाणी?

शीतलाष्टमी व्रत आज, जानें पौराणिक महत्व, मान्यता और बसौरा के बारे में खास जानकारी

Aaj Ka Rashifal: इन 3 राशियों के आज चमकेंगे सितारे, मिलेगा भाग्य का साथ, पढ़ें 19 जून का राशिफल

इन 3 में से किसी एक तारीख को शुरू होगा भारत और पाकिस्तान के बीच भयानक युद्ध