हस्त नक्षत्र : हस्त नक्षत्र का स्वामी चन्द्रमा है। हस्त नक्षत्र में उत्पन्न जातक की जन्म राशि कन्या तथा राशि स्वामी बुध, वर्ण वैश्य, वश्य नर, योनि महिश, महावैर योनि अश्व, गण देव तथा नाड़ी आदि हैं। इस नक्षत्र में जन्मे जातक में जहां चन्द्र के गुण होंगे वहीं बुध का भी प्रभाव जीवनभर रहेगा।
*प्रतीक चिह्न : हाथ का पंजा
*रंग : गहरा हरा
*अक्षर : प, स, न, ड, पू, ष, ण, ढ
*वृक्ष : रीठा का पेड़
*नक्षत्र स्वामी : चन्द्रमा
*राशि स्वामी : बुध
*देवता : चन्द्रदेव, सावित्री या सूर्य
*शरीरिक गठन : सामान्य शरीर
*भौतिक सुख : माता, बहन और धन का सुख मिलेगा
*सकारात्मक पक्ष : नक्षत्र स्वामी चन्द्रमा तो राशि कन्या व इसका स्वामी बुध है। चन्द्र प्रधान नक्षत्र में जन्म होने से जातक स्वभाव से शांत, भावना प्रधान, दूसरों की मदद करने वाले व आकर्षक व्यक्तित्व के धनी होते हैं। ऐसे लोग अनुसंधानकर्ता, परामर्शदाता या चिकित्सक बन सकते हैं। हस्त नक्षत्र में जन्म होने से जातक उद्यमी, कार्यशील, कुशल कार्यकर्ता, व्यापारी, सिद्धांत एवं वेदों का ज्ञाता, मौलिक कार्य करने वाला तथा परिश्रम से उन्नति करने वाला होता है।
*नकारात्मक पक्ष : चन्द्र का बुध शत्रु है। यदि चन्द्र और बुध की जन्म कुंडली में स्थिति खराब है तो इंसान दैनिक कार्यों में उलझा रहेगा और यह नेतृत्व करने के बजाय अनुयायी बनना पसंद करेगा। इनमें चोरी करने की भावना भी पैदा हो सकती है। इस भावना से जीवन में दुख पैदा होगा। दूसरों का मजाक उड़ान, क्रूरता या बेरहमी के गुण होंगे। झूठ बोलने की आदत से प्रतिष्ठा जाती रहेगी। शराब की लत लग सकती है। यदि ऐसा है तो सबसे खराब दिन देखने होंगे।
- प्रस्तुति : शताय ु