ग्रह दे रहे हैं उत्तम वर्षा के संकेत

पं. अशोक पँवार 'मयंक'
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वर्षा की भविष्यवाणी आद्रा प्रवेश कुण्डली से की जाती है। इस वर्ष आद्रा प्रवेश के समय सिंह लग्न का उदय हो रहा था। सूर्य हमेशा की तरह राहु के नक्षत्र में होता है। इस बार राहु सूर्य के नक्षत्र उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में है। इस तरह नक्षत्र परिवर्तन होने से इसका प्रभाव भी अलग होता है।

वर्षा का करक ग्रह चन्द्र अपनी उच्च राशि वृषभ में होकर दशम भाव में लाभ व धन भाव के स्वामी के साथ होने से वर्षा उत्तम होने के कारण फसल उत्तम होने से कृषक वर्ग में धन लाभ होने से बचत के योग भी बनते हैं। इस वर्ष चन्द्र मंगल के मृगशिरा नक्षत्र में है तो मंगल शुक्र के नक्षत्र भरणी में है वहीं शुक्र अपने ही नक्षत्र भरणी में है।

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इस प्रकार देखा जाए तो मंगल का शुष्क प्रभाव नहीं पड़ता नजर आ रहा है। मेरे अनुभव में यह आया है कि मंगल जब-जब सूर्य के पीछे रहता है तब तब वर्षा उत्तम होती है। इस वर्ष मंगल से सूर्य तीन घर आगे रहेगा। और यही कारण वर्षा उत्तम होने का बनता है।

चन्द्र पूर्वी भाग दशम में उच्च का होने से वर्षा का प्रभाव भी पूर्व के प्रदेशों पर अधिक पड़ेगा। पश्चिम पर नीच दृष्टि व मंगल की स्वदृष्टि अतिवर्षा का संकेत देती है। अतः वहाँ की सरकार को विशेष ध्यान देने की जरूरत है ताकि किसी भी आपदा से बचा जा सके।

आद्रा प्रवेश के समय चन्द्र की स्थिति अनुसार मंगल की महादशा में शनि का अन्तर चलेगा जो विस्फोटक स्थिति का निर्माण कर रहा है। ऐसी स्थिति कहीं-कहीं अतिवर्षा के संकेत भी देती है, कहीं तूफान तो कहीं आँधी भी चलेगी जिससे नुकसान भी संभव है।
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