जानें ग्रहों की महादशा

पं. अशोक पँवार 'मयंक'
ND
किस ग्रह की राशि कौन सी है व उस ग्रह की दृष्टियाँ कैसी होती हैं। इनकी महादशा कितने वर्ष की होती है। आइए जानें।

सूर्य की सिंह राशि, मंगल की मेष व वृश्चिक, बुध की मिथुन व कन्या, गुरु की धनु व मीन, शुक्र की वृषभ व तुला, शनि की मकर व कुंभ राशि होती है। सूर्य की मूल त्रिकोण राशि सिंह, चंद्र की वृषभ, मंगल की मेष, बुध की कन्या, गुरु की धनु, शुक्र की तुला व शनि की मूल त्रिकोण राशि कुंभ है।

सूर्य की महादशा 6 वर्ष की होती है तो चंद्र की 10 वर्ष। मंगल की 7 वर्ष, बुध की 17 वर्ष, गुरु की 16 वर्ष, शुक्र की सर्वाधिक 20 वर्ष, शनि की 19 वर्ष, राहु की 18 वर्ष तथा केतु की 7 वर्ष की महादशा होती है।
  किस ग्रह की राशि कौन सी है व उस ग्रह की दृष्टियाँ कैसी होती हैं। इनकी महादशा कितने वर्ष की होती है। आइए जानें।      


कोई भी महादशा प्रारंभ हो तो उसी की अंतर्दशा पहले चलती है। यथा समझने के लिए गुरु की महादशा में गुरु का अंतर चलेगा। इसके बाद शनि, बुध, केतु, शुक्र, सूर्य, चंद्र, मंगल व राहु की अंतर्दशा चलेगी। महादशा में अंतर्दशा में प्रत्यंतर दशा भी उसी ग्रह की चलेगी जिसकी महादशा प्रथम चलती हो।

सूर्य की सप्तम दृष्टि, चंद्र की सप्तम, मंगल की चतुर्थ, सप्तम व अष्टम, बुध की सप्तम, गुरु की पंचम, सप्तम, नवम, शुक्र की सप्तम, शनि की तृतीय, सप्तम व दशम दृष्टि पड़ती है। राहु की पंचम, सप्तम, नवम, केतु की सप्तम दृष्टि मानी गई है। लेकिन मैं इनकी दृष्टि नहीं मानता क्योंकि ये (राहु-केतु) छाया ग्रह हैं।

Show comments

ज़रूर पढ़ें

Makar sankranti Puja 2025: मकर संक्रांति के दिन की पूजा विधि और विशेष मुहूर्त

Mahakumbh 2025: प्रयागराज कुंभ मेले में जा रहे हैं तो इन 12 नियमों और 12 सावधानियों को करें फॉलो

क्या शनि के राशि परिवर्तन से फिर से शुरु होगा महामारी का दौर, दुनिया में फैला HMPV वायरस का डर

महाकुंभ में क्यों शुभ मानी जाती है महिला नागा साधुओं की उपस्थित, जानिए उनकी अनदेखी दुनिया के बारे में सबकुछ

मकर संक्रांति 2025 : पतंगबाजी के लिए घर पर इस तरह बनाएं रंग-बिरंगी Trendy DIY पतंगें

सभी देखें

नवीनतम

15 जनवरी 2025 : आपका जन्मदिन

15 जनवरी 2025, बुधवार के शुभ मुहूर्त

Uttarayan 2025: सूर्य हुए उत्तरायण, जानें सूर्यदेव के मकर राशि में प्रवेश का महत्व क्या है?

संक्रांति पर क्यों किया जाता है काले तिल का दान, जानें वैज्ञानिक कारण, महत्व और फल

मकर संक्रांति का दिनों की लंबाई बढ़ने से क्या है संबंध, जानें वैज्ञानिक दृष्टिकोण