बृहस्पति ग्रह और बारह राशियाँ

12 राशियों में रहेगा विशेष प्रभाव

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पिछले कुछ समय से देवगुरु बृहस्पति मीन राशि में चल रहे हैं जिनका 12 राशियों में विशेष प्रभाव रहेगा। नाम राशि, जन्म राशि की मिश्रित गणना के आधार पर बृहस्पति के प्रभाव को प्रस्तुत किया जा रहा है।

यद्यपि प्रत्येक व्यक्ति की जन्मपत्री के द्वादश भाव में नवग्रहों की भिन्न-भिन्न स्थितियाँ होती हैं। ग्रह-गोचर दशा, विंशोत्तरी दशा, योगिनी दशा एवं वर्ष फल के अध्ययन से फलादेश की विस्तृत जानकारी प्राप्त होती है। फिर भी ग् रह-गोचर का व्यक्ति के जीवन में प्रभाव रहता है।

अतः देवगुरु बृहस्पति किस राशि में कैसा फल देने वाले हैं। आइए देखते हैं :-

मेष राशि- (चू, चे, लो, ला, ली, लू, ले, अ):
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इस राशि वालों को देवगुरु बृहस्पति धार्मिक कार्यों में लगाए रखेंगे लेकिन शरीर में थकावट तथा उदासीनता का योग बना रहेगा। कमजोरी के कारण रूग्णता बढ़ेगी। स्वास्थ्य सुधार हेतु शिव पूजा करें। पत्नी की सेवा से शुभ लाभ बनेगा, लेकिन शारीरिक रूप से दूरी बनाए रखें। आर्थिक दृष्टि से माह चिन्तादायक रहेगा। मान-सम्मान में भी न्यूनता बनेगी। विवादित मामलों से बचें। देश-विदेश यात्रा के नाम पर धोखा हो सकता है। 14, 21 तारीखें शुभदायक नहीं हैं अतः सावधानी बरतें।

वृषभ राशि- (ई, उ, ए, ओ, वा, वि, वू, बे, बो) :
गुरु बृहस्पति परीक्षा एवं प्रतियोगिताओं में सफलता का योग बना रहे हैं। रोजगार प्राप्ति का शुभ अवसर मिलेगा। संतान पक्ष से अच्छा लाभ भी होगा। दुर्जन लोगों को संगति से बचें। मान-प्रतिष्ठा में मित्र वर्ग सहयोगी रहेंगे। मांगलिक कार्यों में वर्चस्व बढ़ेगा। विदेशी यात्रा या साहित्य सेवा सम्मान प्राप्ति का योग बनता है। नया कार्य भी होगा। 19, 22, 27 शुभदायक नहीं लगती हैं।

मिथुन राशि- (क, की, कु, घ, ड़, छ, के, को, हा):
देवगुरु बृहस्पति मनोरंजन के साधनों एवं भक्तिमय कार्यों में बढ़ोतरी करेंगे। कुछ विशेष स्थानों में मान-सम्मान की प्राप्त होगा। पैतृक संपत्ति विक्रय से लाभ का योग है। चुनाव कार्यों में विजय का संकेत बनता है। जिन लोगों ने नौकरी के लिए आवेदन किया है उनके लिए राजकीय सेवा का योग भी बनता है। वाहन क्रय तथा विक्रय दोनों योग लाभदायक हैं। 26, 29 अशुभ कारक हैं अतः आराधना-साधना में इन तिथियों का सदुपयोग करें।

कर्क राशि- (ही, हु, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो) :
यद्यपि गुरु बृहस्पति अनेक बाधाओं से बचाते रहेंगे फिर नेत्र विकार, शत्रु पक्ष से अशांतिदायक योग बनता है। संतान को रोजगार प्राप्ति होगी। स्त्री वर्ग की प्रेरणा से सामाजिक मान बढ़ेगा। मित्र वर्ग आपको सफलता दिलाने में तत्पर रहेंगे। वायु विकार का रोग होने का संकेत बनता है। 17, 25, 29 तारीखें अशुभ संकेत कर रही हैं।

सिंह राशि- (मा, मी, बू, मे, मो, टा, टी, टू, टे):
इस राशि के जातकों के लिए इन दिनों कार्यक्षेत्र में बढ़ोत्तरी का योग है। रचनात्मक कार्यों से मान-सम्मान भी बढ़ेगा। आर्थिक लाभ होगा साथ ही उद्योग धंधे में प्रगति होगी। जनचेतना संबंधी उपलब्धियाँ प्राप्त होंगी। रुका हुआ कार्य भी बनेगा। न्यायालय में विजय होंगे। पुत्र-पौत्रों के भाग्योदय का समय है। वाहन प्राप्ति का योग बनता है। धार्मिक कार्य भी होंगे। 14, 22, 26 तिथियाँ अशुभ है। अतः बृहस्पति के बीज मंत्र 'ऊँ ग्राँ ग्रीं ग्रों सः गुरवे नमः' का जाप करें।

कन्या राशि- (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो):
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इस राशि वालों को दाम्पत्य जीवन में वैमनस्य पैदा होने के आसार हैं। अतः क्रोध एवं संवेगों पर संतुलन बनाए रखने के लिए शिव-शक्ति की आराधना करनी चाहिए। यात्रा कष्टदायी हो सकती है। इसलिए लंबी यात्राओं से बचें। उदर पीड़ा का योग बनता है। आर्थिक लाभ यथावत्‌ रहेगा। राजकीय कार्यों में सफलता के शुभ योग बनते हैं। 22, 27 अशुभ हैं। इन तिथियों में कोई नया कार्य शुरू न करें।

तुला राशि- (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते):
संतान पक्ष से खर्चा बढ़ेगा। वाहन प्राप्ति का योग बन रहा है। व्यापारिक तथा व्यावसायिक कार्यों के लिए काफी भागदौड़ चलेगी। शत्रु पक्ष कमजोर पड़ेगा। राजकीय कार्यों में बहुत लाभ मिलेगा। सामाजिक दायित्व बढ़ेगा। विवाह जैसे शुभ कार्यों में खर्चा तथा सेवा कार्यों में सहभागिता बनी रहेगी। 14, 22, 28 अशुभ संकेत करते हैं। कोई नया कार्य करने से पहले किसी जानकार से सलाह लेना ठीक रहेगा।

वृश्चिक राशि- (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू):
पारिवारिक कार्यों का दायित्व बढ़ेगा। भूमि एवं भवन संबंधी विवाद से सावधान रहें। आर्थिक दृष्टि से माह ठीक रहेगा। रचनात्मक गतिशीलता बढ़ेगी। रिश्तेदारों से सहयोग प्राप्त होगा। राजकीय कार्यों में सफलता के शुभ योग तथा विजय का योग बनता है। 22, 24 अशुभ कारक हैं। इन तिथियों में गाय को चारा खिलाने से ग्रह की कू्र दृष्टि से बचा जा सकता है।

धनु राशि- (ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढ़ा, भे) :
बृहस्पति विशेष प्रभावी बनकर इच्छित कार्यों में सफलता का योग बनाते हैं। किसी नए पर्यटन स्थान की शुभ यात्रा होगी। प्रतियोगिता परिणाम एवं मनोनयन कार्य में सफलता मिलेगी। जनसंपर्क बढ़ेगा। धार्मिक कार्यक्रमों का दायित्व बढ़ेगा। श्रमिक एवं किसान वर्ग के लिए लाभ के अवसर मिलेंगे। रोजगार प्राप्ति का शुभ योग बनता है। राजनैतिक लाभ भी मिलेगा। 23, 27 तिथियाँ प्रतिकूल हैं।

मकर राशि- (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी):
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इस राशि वालों को कुछ नयापन तथा व्यवहारिकता का शुभ लाभ मिलेगा। इष्ट मित्रों के मिलन से सामाजिक कार्यों में काफी भागदौड़ रहेगी लेकिन संतोषजनक सफलता मिलेगी। रोजगार का लाभ प्राप्त होगा। विदेशी यात्रा या वाहन जलयान यात्रा का शुभ संकेत बनता है। कुछ आर्थिक स्थिति सुधारने के सूत्र हाथ लगेंगे। 22, 27 तिथियाँ अनुकूल नहीं हैं। अतः नया कार्य इन तिथियों में शुरू न करें तो ठीक रहेगा।

कुंभ राशि- (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा):
इस राशि के जातकों के लिए इन दिनों कार्यक्षेत्र में जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ेगी। भागदौड़ का माहौल रहेगा। अतः वाहन चलाने में सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। भूमि एवं भवन संबंधी विवादों से बचें। सामाजिक परिवेश में नए आयाम के अवसर मिलेंगे। राष्ट्रीय कार्यक्रमों में अहम्‌ भूमिका के प्रभाव से सम्मान-प्राप्ति का योग भी है। वाहन से सावधान रहें तो ठीक रहेगा। 14, 24, 29 तिथियाँ अशुभ कारक बन रही हैं। अतः शिवार्चन एवं हनुमान जी की उपासना से इन तिथियों में अपना समय लगाए रखें।

मीन राशि- (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, च, ची) :
इस राशि वालों को कभी अवरोध तो कभी विरोध का सामना करना पड़ सकता है। संयम बरतना शुभदायक रहेगा। बृहस्पति अधूरे कार्य में पूर्णता का योग बना रहे हैं। क्रय-विक्रय में अपने विवेक को काम में लेवें। परिवार में हर्षोल्लास का माहौल बना रहेगा। पशु धन से भी लाभ का योग है। दिनांक 19 एवं 26 शुभ कारक नहीं है ं। अतः गुरु बृहस्पति के मंत्र का जाप एवं गौसेवा अशुभ को भी शुभदायक बना सकती है।

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