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देवता |
ब्रह्मा | |
दिशा | ईशान कोण |
दिवस | बृहस्पतिवार |
गोत्र | अंगिरा |
पोशाक |
पगड़ी | |
पशु | बब्बर शेर |
वृक्ष | पीपल |
पेशा |
शिक्षा, सुनार | |
वास्तु |
सोना, पुखराज | |
जाति-वर्ण |
ब्राह्मण, पीत वर्ण | |
वाहन |
ऐरावत (सफेद हाथी) | |
विशेषता |
रहस्यमय ज्ञानी | |
स्वभाव |
मौन एवं शांत क्षत्रिय पुरुष | |
बल-वृद्धि |
मंगल के साथ होने से बलशाली | |
भ्रमण काल |
एक राशि में 13 माह | |
नक्षत्र |
पूर्वा विशाखा, पूर्वा भाद्रपद | |
गुण |
हवा, रूह, साँस, पिता, गुरु और सुख। | |
शक्ति |
हकीम, साँस लेने तथा दिलाने की शक्ति | |
शरीर के अंग |
गर्दन, नाक, माथे या नाक का सिरा | |
राशि |
धनु और मीन राशि के स्वामी गुरु के सू.म.च. मित्र, शु.बु. शत्रु, श.रा.के. सम। |
अन्य नाम | देवमंत्री, देव पुरोहित, देवेज्य, इज्य, गुरु, सुराचार्य, जीव, अंगिरा और वाचस्पति सूरी। |
मकान | सुहानी हवा के रास्ते। दरवाजा उत्तर-दक्षिण न होगा। हो सकता है कि पीपल का वृक्ष या कोई धर्मस्थान मकान के आसपास हो। ईशान या उत्तर का घर गुरु का घर कहलायेगा। |