मकर का राहु भारी उलटफेर कराएगा

पं. अशोक पँवार 'मयंक'
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राहु ने 30 अप्रैल को प्रात: 9.38 बजे कुंभ में से मकर राशि में प्रवेश किया। इस समय मिथुन लग्न का उदय हुआ। भारत की स्वतंत्रता दिवस की कुंडली वृषभ लग्न की है। इस लग्न में मकर राशि नवम भाव में आती है। नवम भाव व दशम शनि की राशियाँ हैं।

इस लग्न में दशम से भ्रमण करता हुआ वक्र गति से मकर में प्रवेश किया। यह 18 मास एक ही र‍ाशि में रहता है तो 18 वर्ष की महादशा रहती है। राहु कोई स्वतंत्र ग्रह तो नहीं लेकिन उत्तरी ध्रुव का कोना अंधकारमय है। इसीलिए राहु को छाया ग्रह कहा जाता है। राहु लग्न में हो तो भ्रम पैदा करता है।

ऐसे जातक की ‍मानसिक स्थिति अस्थिर रहती है। किसी-किसी को मानसिक चिंता, मिर्गी जैसे रोग भी देता है। राहु शनिवत व्यवहार करता है। राहु मकर में व मकर राशि का स्वामी शनि पिता सूर्य की राशि सिंह में भ्रमण कर रहा है। अत: राहु का फल भी ठीक नहीं रहेगा।

राजनेताओं की मन:स्थिति को बिगाड़ेगा। आपसी खींचतान का भी कारण बनता है। सत्तापक्ष के लिए कष्टकारी साबित होगा। आगामी चुनाव में भारी उलटफेर के कारण भी बनेंगे। यदि चुनाव 10 दिसंबर को बाद होते हैं तो गुरु भी नीच का हो जाएगा व राहु की युति में रहने से काफी कष्टकारी बनता है।
  राहु ने 30 अप्रैल को प्रात: 9.38 बजे कुंभ में से मकर राशि में प्रवेश किया। इस समय मिथुन लग्न का उदय हुआ। भारत की स्वतंत्रता दिवस की कुंडली वृषभ लग्न की है। इस लग्न में मकर राशि नवम भाव में आती है। नवम भाव व दशम शनि की राशियाँ हैं।      


जिसकी जन्मपत्रिका में गुरु-राहु साथ होंगे उनके लिए अस्थिरता का रहेगा। असामाजिक तत्व प्रभावी होंगे। आकस्मिक घटनाओं का योग भी बनता है। विद्वानों को कष्ट हो सकता है। आमजन मानस को भी कष्टकारी रहेगा। जिसकी पत्रिका में गुरु-राहु साथ हों वे महामृत्युंजय का जाप स्वयं करें तो कष्टों में कमी आएगी। शनि उच्च का जिसका होगा उन्हें राजयोग कारी भी बन सकता है। शेयर बाजार में भी उठापटक के संकेत हैं। वहीं सोने में मंदी का भी योग देखने को मिल सकता है। तेल में गिरावट आएगी। आम जनता बीमारी से परेशान हो सकती है।

राहु का विभिन्न राशियों पर प्रभाव कैसा रहेगा। आइए जानें-
मेष राशि या लग्न वालों को दशम भाव से राहु का भ्रमण चलेगा। अत: व्यापार में साव‍धानी रखना होगी। राजनीतिज्ञ कुछ अपनी गुप्त युतियों से सफलता पाएँगे। पिता के स्वास्थ्य की चिंता रह सकती है। नौकरीपेशा सावधानी रखें। 18 माह गौमेद पहनें तो कुछ लाभ की उम्मीद कर सकते हैं।
वृषभ राशि या लग्नवालों को नवम भाव से भ्रमण करेगा। अत: भाग्योन्नति में उलटफेर की संभावना रहेगी। स्थानांतर के योग भी बन सकते हैं। गुप्त विद्या की ओर रुझान रहेगा। जन्मकुंडली में राहु शुभ हो तो गौमेद पहनकर लाभ पा सकते हैं।

मिथुन राशि या लग्न वालों के अष्टम भाव से राहु का गोचरीय भ्रमण 18 माह चलेगा। इस समय‍ा‍वधि में गुप्त रोग, बवासीर जैसे रोग की आशंका रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। इस समया‍वधि में महामृत्युंजय का जाप श्रेष्ठ रहेगा।
कर्क लग्न या राशि वालों के ‍सप्तम भाव से राहु का भ्रमण चलेगा। इस अवधि में अपने जीवनसाथी से चिंता रहेगी। स्वास्थ्य की ओर ध्यान देना होगा। दैनिक व्यवसाय में गुप्त युतियों से काम लेना होगा। राहु की वस्तुओं का दान करें।
सिंह राशि या लग्न वालों को राहु का गोचरीय भ्रमण षष्ठ भाव से करेगा। अत: कर्ज ना लें, गुप्त शत्रुओं से बचकर चलें, अकस्मात दुर्घटना के योग बन सकते हैं। नाना-मामा के यहाँ से कोई बीमार रह सकता है।
कन्या राशि या लग्न वालों के लिए पंचम भाव से राहु का भ्रमण रहेगा। विद्यार्थी वर्ग को पढ़ाई पर अधिक ध्यान देना होगा। जिन्हें संतान होना है, वे धैर्य रखें। संतान आदि के मामलों में ध्यान रखना होगा। प्रेम संबंधों में दरार आ सकती है।
तुला लग्न या राशि वालों को राहु का भ्रमण चतुर्थ भाव से होगा। अत: माता के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। जनता से संबंधित मामलों में सावधानी रखें। स्थानांतर के योग बनेंगे। राजनीतिज्ञ गौमेद पहनें तो सफल होंगे।
वृश्चिक राशि या लग्न वालों को तृतीय भाव से राहु का भ्रमण होने से मित्रों, भाइयों के बीच तनाव रह सकता है। साझेदारी के मामलों में सावधानी रखें, पड़ोसियों से झगड़ा हो सकता है। वाणी में संयम रखें।
धनु लग्न या राशि वालों को राहु का भ्रमण द्वितीय भाव से होने के कारण वाणी में संयम रखना होगा। आर्थिक बचत कम होगी। कुटुम्बियों से परेशानी का कारण बन सकता है। शेयर बाजार के व्यापार में सावधानी रखें।
मकर राशि या लग्न वालों को लग्न से भ्रमण करने के कारण मा‍नसिक चिंता का कारण बन सकता है। राजनीतिज्ञ व्यक्ति सावधानी रखें। गौमेद पहनें, लाभ होगा। प्रयत्नपूर्वक सफलता पाएँगे। जोखिम के कार्यों से बचना होगा या सावधानीपूर्वक करें।
कुंभ राशि या लग्न वालों को द्वादश भाव से भ्रमण करेगा। अत: बाहरी मामलों में सावधानी रखें। आँखों की तकलीफ हो सकती है। यात्रा करते वक्त सावधानी बरतें। जो विदेश में हैं, वे संभलकर चलें।
मीन राशि या लग्न वालों को एकादश भाव से राहु का भ्रमण होने से अकस्मात लाभ के योग बनेंगे। शेयर, सट्टा आदि में सावधानी रखें। जैसा लाभ वैसा खर्च भी रहेगा।
राहु की महादशा जिन्हें चल रही है, वे स्वयं महामृत्युंजय का जाप करें।

राहु का फल शनि पर निर्भर करता है कि वो जन्म कुंडली में किस राशि पर है। स्वराशि उच्च या मित्र की हो तो नुकसान वाली बात नहीं रहेगी। वहीं राहु जन्म कुंडली में उच्च का हो या मित्र क्षैत्री हो तो नुकसानप्रद नहीं रहेगा। राहु जिसे अच्छा फल न दे वे राहु से संबंधित वस्तुओं को अपने ऊपर से नौ बार उतारकर दान दें व धुमिल कंबल भी गरीबों में दान दें। इस प्रकार राहु का प्रभाव कम होगा।
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