महत्वाकांक्षी बनाती है सूर्य-मंगल युति

यश-प्रतिष्ठा दिलाते हैं सूर्य-मंगल योग

भारती पंडित
ND
सूर्य व मंगल दोनों ही अग्नि संबंधी, भरपूर ऊर्जा वाले ग्रह माने जाते हैं। यदि ये किसी कुंडली में साथ-साथ विराजमान हो, शुभ भावों के स्वामी होकर शुभ स्थान में हो तो इस युति वाले जातक अत्यंत महत्वाकांक्षी, प्रबल आत्मविश्वासी एवं जीवट वाले होते हैं। आक्रामकता व अति साहस इनमें कूट-कूटकर भरा होता है। दूसरों पर शासन करना, अधिकार जमाना इनकी खूबी होती है। विरोधियों पर विजय पाना व प्रतिकूल परिस्थिति में भी सामना करना इनके लिए सामान्य सी बात होती है।

ये व्यक्ति जिस क्षेत्र में रहते हैं, उसमें क्रांतिकारी परिवर्तन ले आते हैं। यह योग शा सको ं, सेनाध्‍यक्षों की कुंडली में देखा जाता है। ये व्यक्ति अपने दम पर सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन की भूमिका बनाते हैं और यश-प्रतिष्ठा के भागी बनते हैं। अहंकार भी इनके स्वभाव का अंग होता है, सहजता से इन्हें समझाया नहीं जा सकता, न ही इनक े विरोध में जाया जा सकता है।

स्वास्थ्य संबंधी तकलीफें इन्हें होती हैं। रक्तचाप, हृदय रोग, दुर्घटना, पित्त रोग, हेमरेज जैसी बीमारियाँ इन्हें परेशानी करती हैं।
Show comments

ज़रूर पढ़ें

सूर्य का मिथुन राशि में प्रवेश, 12 राशियों का राशिफल जानें

भविष्यवाणी: ईरान में होगा तख्तापलट, कट्टरपंथी खामेनेई की ताकत का होगा अंत!

4 खतरनाक योग चल रहे हैं, इसलिए बचकर रहें ये 5 तरह के लोग

भगवान जगन्नाथ की यात्रा में जा रहे हैं तो साथ लाना ना भूलें ये चीजें, मिलेगा अपार धन और यश

कुंडली में अल्पायु योग से बचने के 10 उपाय

सभी देखें

नवीनतम

संत अच्युतानंद दास की भविष्य मालिका की 25 भविष्यवाणियां

मंगल केतु की युति से होता है भयानक हादसों का सृजन, इसलिए 28 जुलाई तक ऐसी जगहों से बचकर रहें

16 जून से लग गया है पंचक, जानें कैसे करें शुभ कार्य और किन कार्यों को करने से बचें?

क्यों खतरनाक बना 2025, 6 महीने में 6 हादसों का ज्योतिष विश्लेषण

आषाढ़ कृष्ण अष्टमी को क्यों मनाते हैं शीतलाष्टमी, जानें इस दिन बसौरा मनाने का महत्व