लग्नेश मंगल नवम में हो तो भाग्यवृद्धि

पं. अशोक पँवार 'मयंक'
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मंगल एक ऐसा ग्रह है, जहाँ जीवन की तलाश की जा रही है। नासा ने मंगल पर अपना ग्रह छोड़ा व कई महत्वपूर्ण जान‍कारियाँ हासिल की हैं। हमारे पूर्वज मुनियों ने पहले से उसके रंग को जान लिया था वही उन्होंने (वैज्ञानिकों ने) बताया कि मंगल लाल ग्रह है। मंगल जन्म पत्रिका में शुभ होकर दशम नवम लग्न में बैठ जाए तो जातक को अनेक लाभों से युक्त कर देता है ।

लग्नेश मंगल नवम में हो तो भाग्यवृद्धि कराए और स्वप्रयत्नों से सफलता पाने वाला होता है। धर्म के मामलों में कठोर होता है। चंद्र साथ हो तो माता, भूमि, भवन का सुख उत्तम मिलता है। सूर्य साथ हो तो संतान विद्या से सुखी हो। बुध साथ हो तो मित्रों, भाइयों का साथ मिले, नाना-मामा से भी लाभ हो। गुरु साथ हो तो भाग्यशाली होकर प्रत्येक क्षेत्र में सफलता पाने वाला होता है ।

धर्म-कर्म को मानने वाला होता है। शुक्र साथ हो तो पत्नी या पति से लाभ होता है और विवाह के बाद भाग्योदय होता है। शनि-मंगल साथ हों तो भाग्य में बाधा, स्वास्थ्य में गड़बड़ी रहती है। राहु साथ हो तो भाग्योन्नति में रुकावटें आती हैं। लाख प्रयत्न करने पर भी सफलता नहीं मिलती।
  हमारे पूर्वज मुनियों ने पहले से उसके रंग को जान लिया था वही उन्होंने (वैज्ञानिकों ने) बताया कि मंगल लाल ग्रह है। मंगल जन्म पत्रिका में शुभ होकर दशम नवम लग्न में बैठ जाए तो जातक को अनेक लाभों से युक्त कर देता है।      


केतु साथ हो तो उच्च सफलता मिलती है। मंगल दशम में हो तो लग्नेश उच्च का होने से भाग्यशाली हो। पुलिस प्रशासन में सफल हो। पिता से लाभ, राजनीति में हो तो सफल हो। चंद्र साथ होने पर माता-पिता से लाभ, सुखी हो। सूर्य साथ हो तो संतान विद्या ठीक रहेगी। बुध साथ हो तो पराक्रम से व्यापार में लाभ मिले। गुरु साथ होने पर थोड़ी बाधा के बाद सफलता मिलती है।

शुक्र साथ हो तो इलेक्ट्रॉनिक के व्यापार में सफल हो। शनि साथ हो तो तेल व मशीनरी, आटोपार्ट्‍स के व्यापार में सफल हो। राहु साथ हो तो राजनीति में सफल हो। केतु साथ हो तो पिता, राज्य, व्यापार में हानि हो सकती है। मंगल एकादश में हो तो संतान से लाभ, शेयर आदि में हों तो बचें। सूर्य साथ हो तो विद्या उत्तम हो लेकिन आर्थिक मामलों में सावधानी बरतें।

बुध साथ हो तो व्यापार आदि में मित्रों-भाइयों से लाभ मिले। गुरु साथ हो तो आर्थिक मामलों में मिले-जुले परिणाम मिलें। शुक्र साथ हो तो धन-कुटुम्ब से लाभ, पत्नी या पति से लाभ, शेयर आदि में सफल हों। शनि साथ हो तो लोहे या ऑइल के व्यापार में सफल होकर लाभ अच्छा मिले ।

राहु साथ हो तो मिले-जुले परिणाम मिलें। केतु साथ हो तो खर्च अधिक रहे। मंगल द्वादश में हो तो विदेश में सफल हो या जन्मस्थान से दूर सफलता मिले। सूर्य साथ हो तो विद्या उत्तम हो व विदेश जाने का मौका मिले। चंद्र साथ हो तो सुख में कमी, माता को कष्ट रहे। बुध साथ होने पर विदेश या जन्मस्थान से दूर सफलता मिले।

गुरु साथ हो तो बाहर भाग्योदय हो व विदेश जाने का मौका मिलता है। शुक्र साथ हो तो ऐश्वर्य-संपन्नता मिले। भोग-विलास में खर्च हो। शनि साथ हो तो हानि की आशंका, चश्मा अवश्य लगे। राहु साथ हो तो बाहरी संबंध ठीक न हों। केतु साथ हो तो विदेश में सफल हों, चश्मा अवश्य लगे।

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