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ज्योतिष के अनुसार शनि की खास विशेषताएं, जो आप नहीं जानते होंगे...

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ज्योतिष के अनुसार ग्रह की परिभाषा अलग है। भारतीय ज्योतिष और पौराणिक कथाओं में नौ ग्रह गिने जाते हैं, सूर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु। यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत है शनि के बारे में रोचक जानकारी...


* हिन्दू ज्योतिष में नौ मुख्य खगोलीय ग्रहों में से एक 'शनि' है। 
 
* शनि शब्द की व्युत्पत्ति 'शनये क्रमति सः' से हुई है, अर्थात् वह जो धीरे-धीरे चलता है। 
 
* शनि को सूर्य की परिक्रमा में 30 वर्ष लगते हैं। 
 
* शनि शनिवार के स्वामी है। 
 
 
* शनिदेव की जीवनसाथी का नाम नीलादेवी अथवा धामिनी है। 
 
* शनि की प्रकृति तमस है।
 
* शनि देव अक्सर काले कौए पर सवार होते हैं।
 
* शनि की अन्य 7 सवारियां- गधा, कुत्ता, भैंसा, गिद्ध, हाथी, घोड़ा, हिरण भी है। 
 
* शनि का चित्रण काले रंग में, 1 तलवार, तीर और 2 खंजर लिए हुए होता है। 
 
* उनके एक हाथ मे धनुष बाण और एक हाथ में वर मुद्रा है। 
 
* शनि देव का विकराल रूप भयावह भी है।
 
* शनि कठिन मार्गीय शिक्षण, करियर और दीर्घायु को दर्शाता है।
 
* मंत्र- ॐ शं शनैश्चराय नमः। 
 
* ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:।

 
* पुराण के अनुसार शनिदेव का शरीर इंद्रकांति की नीलमणि जैसा है। 
 
-आरके.
 

 

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