प्रत्येक ग्रह अस्त और उदय होता है। शनि भी अस्त होकर उदय होता है। अस्त होने का अर्थ है कि वह ग्रह धरती से अब नहीं दिखाई देगा। जब भी कोई ग्रह अस्त होता है तो उसके शुभ प्रभावों में कमी आ जाती है और जब वह उदय होता है तो शुभ प्रभाव बढ़ जाते हैं। आओ जानते हैं कि शनि कब किस राशि में अस्त होकर पुन: उदय होगा।
क्या होता है अस्त या उदय होना : सूर्य सभी ग्रहों को अस्त करता है परंतु खुद अस्त नहीं होता। राहु और केतु छाया ग्रह होने के कारण अस्त नहीं होते। सूर्य से चंद्रमा 12 अंश, मंगल 17 अंश, बुध 13 अंश, बृहस्पति 11 अंश, शुक्र 10 अंश और शनि 15 अंश या उससे अधिक निकट आने पर अस्त हो जाते हैं। इससे कम होने पर उदित माने जाते हैं।
मकर में अस्त और उदय : शनि एक राशि में ढाई वर्ष रहते हैं। वर्तमान में शनि मकर राशि में हैं। शनि के उदय होने से 4 राशियों वाले जातकों को धन लाभ होने की संभावना। उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो जाएगी।
शनि अस्त आरंभ काल : 19 जनवरी 2022, बुधवार 06:57:23 बजे।
शनि अस्त समाप्ति काल : 21 फरवरी 2022, सोमवार 19:51:16 बजे।
हालांकि स्थानीय भेद होने के बारण 22 जनवरी 2022 शुक्रवार को शनिदेव मकर राशि में अस्त हो गए थे जो अब 24 फरवरी 2022 तक अस्त रहेंगे, परंतु उपरोक्त दिनांक अधिक मान्य है।
मेष : शनि ग्रह के उदय होने से कार्यक्षेत्र में आपकी गति पर लगा विराम हट जाएगा और रुके हुए कार्य संपन्न होंगे। धन लाभ होगा और आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। कार्यक्षेत्र में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।
मिथुन : शनि ग्रह के उदय होने से आपका मानसिक तनाव कम होगा। जीवनसाथी का हर कार्य में साथ मिलेगा। आपकी नौकरी की तलाश पूर्ण होगी। पहले से ही नौकरी में है तो आपके कार्य की तारीफ होगी। यात्रा पर जाने का योग बनेगा। परिश्रम का फल मिलता रहेगा।
तुला : शनि ग्रह के उदय होने से आपको नई नौकरी के ऑफर मिलेंगे। सुख और सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। आपके अटके हुए कार्य पूर्ण होंगे। इच्छाएं पूर्ण होगी और माता पिता का सहयोग मिलेगा। कार्यक्षेत्र में सफलता के योग बन रहे हैं।
कुंभ : शनि ग्रह के उदय से नौकरी में पदोन्नति के योग और यात्रा पर जाने के योग बन रहे हैं। आपकी आमदानी में बढ़ोतरी होगी और पूर्व में किए गए प्रयासों का फल मिलेगा।
शनि अस्त का 3 राशियों पर प्रभाव : ज्योतिष के अनुसार अस्त शनि से कन्या, तुला और धनु राशि के लोगों को 24 फरवरी तक ज्यादा संभलकर रहने की जरूरत है।
Disclaimer : उपरोक्त लेख ज्योतिष की गोचर मान्यता, प्राचलित धारणा और विभिन्न स्रोत पर आधारित है। वेबदुनिया इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। पाठकगण किसी ज्योतिष से सलाह जरूर लें।