जानिए सौर मंडल में सूर्य-शनि का महत्व

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* शनि सूर्य से 140 करोड़ 80 लाख किमी दूर स्थित है। वहां हमेशा अंधकार रहता है। 


 
* शनि के कक्ष में 7 चंद्रमा हैं जो शनि की परिक्रमा करते हैं। उनसे ही शनि को प्रकाश मिलता है। इन सप्त चंद्र के कारण ही शनि को सप्त नेत्रों वाला कहा गया है। 
 
 


 


* शनि का वाहन भैंसा व कौआ है।
 
* शनिदेव सूर्य के पुत्र अवश्य हैं पर दोनों हर स्थिति में एक दूसरे के विपरीत रहते हैं। 

 


 


* सूर्य प्रकाश है तो शनि अंधकार। 
 
* सूर्य की दिशा पूर्व है तो शनि की पश्चिम। 
 
 




 

* सूर्य दिन में बली है तो शनि रात्रि में। 
 
* सूर्य मेष राशि में उच्च हैं तो शनि इस राशि में नीच के। 
 
 


 


* इसी तरह सूर्य तुला में नीच का होता है तो शनि उच्च का। 
 
* सूर्य प्रकाशवान है तो शनि प्रकाशहीन है। 

* शनि मृत्यु का कारक है तो सूर्य जीवन का। 

 
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