...बदल रहा है प्लूटो का रंग-ढंग

प्लूटो दिवस पर विशेष

Webdunia
बौने ग्रह ‘प्लूटो’ के मौसम और वायुमंडल में काफी बदलाव आ रहा है और उसका रंग पहले से अधिक लाल हो गया है। क्लाइड डब्ल्यू टॉमबॉग द्वारा 18 फरवरी 1930 को खोजे गए इस ग्रह की अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा ‘हब्बल’ दूरबीन से ली गई तस्वीरों से पता चलता है कि इसकी सतह में मौसम संबंधी बदलाव हो रहे हैं और इसकी चमक भी बदल रही है।

ND
वैज्ञानिकों के अनुसार प्लूटो पहले से कहीं अधिक लाल हो गया है और इसका उत्तरी गोलार्ध भी चमकदार हो रहा है। धरती से लगभग 14 करोड़ 96 लाख किलोमीटर दूर स्थित प्लूटो का एक दिन धरती के 6.4 दिनों के बराबर होता है और धरती के 248.5 साल के बराबर इसका एक साल होता है क्योंकि यह 248.5 साल में सूरज की परिक्रमा पूरी करता है।

वैज्ञानिकों की इस ग्रह के अध्ययन में हमेशा से ही विशेष रुचि रही है। इसमें दिखे हालिया परिवर्तन के बारे में नासा का कहना है कि ‘प्लूटो’ के रंग में यह नाटकीय बदलाव 2000-2002 के बीच आया है।

वैज्ञानिक अब 1994 में ली गई प्लूटो की तस्वीरों की तुलना 2002 और 2003 में ली गई तस्वीरों से करने जा रहे हैं ताकि वहाँ के मौसम और वायुमंडल में आए बदलाव के बारे में ज्यादा से ज्यादा सबूत मिल सकें।

साउथ वेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट कोलोराडो के विज्ञानी मार्क बुआई का कहना है कि तस्वीरों से खगोलशास्त्रियों को प्लूटो की पिछले तीन दशक की यात्रा को समझने में मदद मिली है। उनका कहना है कि हब्बल से ली गई तस्वीरों की मदद से ही प्लूटो के मौसम में हो रहे बदलाव के बारे में पता चल सका। 1500 मील से कम व्यास वाला प्लूटो सौरमंडल के बाहरी किनारे पर स्थित है।

इस ग्रह के बारे में दिलचस्प बात यह है कि इसे वेनिटा बर्नी नाम की 11 साल की एक लड़की द्वारा ‘प्लूटो’ नाम दिया गया था जिसकी खगोल विज्ञान में गहरी रुचि थी। वह ऑक्सफोर्ड इंग्लैण्ड की स्कूली छात्रा थी।

खोज के बाद लॉवेल वेधशाला ने दुनिया भर के विज्ञान जिज्ञासुओं से इस ग्रह का नाम रखने के लिए विकल्प माँगे। एक हजार से अधिक विकल्प मिलने के बाद ‘मिनर्वा’ ‘क्रोनस’ और ‘प्लूटो’ तीन नामों का चयन किया गया। इसके बाद नाम को अंतिम रूप प्रदान करने के लिए मतदान कराया गया जिसका नतीजा ‘प्लूटो’ शब्द के पक्ष में रहा और यह नाम सुझाने वाली लड़की वेनिटा को पाँच पौंड का इनाम मिला।

एक मई 1930 को ‘प्लूटो’ के रूप में इसके नामकरण की घोषणा की गई। चूँकि यह ग्रह 18 फरवरी को खोजा गया था इसीलिए इस दिन को प्लूटो दिवस के रूप में जाना जाता है। (भाषा)

Show comments

ज़रूर पढ़ें

केरल के हिंदुओं के त्योहार विषु कानी की विशेष जानकारी

एसी और कूलर के बगैर गर्मी में घर को कैसे बनाए रखें ठंडा, जानिए खास उपाय

अक्षय तृतीया कब है, जानिए खरीदारी के शुभ मुहूर्त

ईसाई धर्म: पाम संडे कब है, क्या करते हैं इस दिन

मेष संक्रांति कब है क्या है इसका महत्व, क्या करते हैं इस दिन?

सभी देखें

नवीनतम

Aaj Ka Rashifal: राशि अनुसार 14 अप्रैल का भविष्यफल, देखें आपका भाग्य क्या कहता है!

14 अप्रैल 2025 : आपका जन्मदिन

14 अप्रैल 2025, सोमवार के शुभ मुहूर्त

April Horoscope 2025: इस सप्ताह किन राशियों का चमकेगा भाग्य, पढ़ें अप्रैल के नए हफ्ते का साप्ताहिक भविष्‍यफल

Aaj Ka Rashifal: 13 अप्रैल का दैनिक राशिफल, आज का दिन आपके लिए कैसा रहेगा?