नवरात्रि मंत्र सिद्धि परालौकिक शक्ति प्राप्त करने तथा देवी मां की कृपा प्राप्त करने का सर्वश्रेष्ठ समय माना जाता रहा है। इस समय साधना कर मनुष्य अपने आपको तेजोमय, ऊर्जामय, भौतिक, दैवीय शक्ति का प्राप्त कर जीवन उज्ज्वल तथा निष्कंटक बना सकता है।
श्री दुर्गा सप्तशती का पारायण मां की कृपा प्राप्त करने का सुगम उपाय माना जाता है। इसी के साथ किसी मंत्र का सम्पुट लगाकर मन की इच्छा पूर्ण की जा सकती है।
* समस्त बाधाओं को दूर करने के लिए तथा ऐश्वर्य प्राप्त करने के लिए निम्न मंत्र की एक माला का जाप रोज करें या नवरात्रि में 11 या 21 माला नित्य कर अंत में हवन करें ।
मंत्र (1) सर्वाबाधा विनिर्मुक्तौ धन्यधान्य सुतान्वित:। मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यंति न संशय:।। * शत्रु नाश तथा बाधाओं के शमन के लिए निम्नलिखित मंत्र अत्युत्तम है। विधि उपरोक्त के समान है।
मंत्र (3) '
शरणागतदीनार्त परित्राणं परायणे। सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणी नमोस्तुते।। श्री दुर्गा देवी के चित्र या यंत्र के सामने स्नान कर लाल धोती, आसन तथा रुद्राक्ष की माला से पंचोपचार या षोडशोपचार पूजन कर संकल्प ले जाप करें। ब्रह्मचर्य का पालन करें। तामसिक भोजन का निषेध है। अंत में मां से क्षमा-प्रार्थना कर समापन करें।
रात्रि जागरण कर कन्या भोजन-पूजन कर विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं ।