Biodata Maker

नेत्र शक्ति से त्राटक साधना

Webdunia
ND
त्राटक के द्वारा मन की एकाग्रता, वाणी का प्रभाव व दृष्टि मात्र से उपासक अपने संकल्प को पूर्ण कर लेता है। इससे विचारों का संप्रेषण, दूसरे के मनोभावों को ज्ञात करना, सम्मोहन, आकर्षण, अदृश्य वस्तु को देखना, दूरस्थ दृश्यों को जाना जा सकता है।

प्रबल इच्छाशक्ति से साधना करने पर सिद्धियाँ स्वयमेव आ जाती हैं। तप में मन की एकाग्रता को प्राप्त करने की अनेकानेक पद्धतियाँ योग शास्त्र में निहित हैं। इनमें 'त्राटक' उपासना सर्वोपरि है। हठयोग में इसको दिव्य साधना से संबोधित करते हैं। त्राटक के द्वारा मन की एकाग्रता, वाणी का प्रभाव व दृष्टि मात्र से उपासक अपने संकल्प को पूर्ण कर लेता है।

इससे विचारों का संप्रेषण, दूसरे के मनोभावों को ज्ञात करना, सम्मोहन, आकर्षण, अदृश्य वस्तु को देखना, दूरस्थ दृश्यों को जाना जा सकता है। यह साधना लगातार तीन महीने तक करने के बाद उसके प्रभावों का अनुभव साधक को मिलने लगता है। इस साधना में उपासक की असीम श्रद्धा, धैर्य के अतिरिक्त उसकी पवित्रता भी आवश्यक है।
तप में मन की एकाग्रता को प्राप्त करने की अनेकानेक पद्धतियाँ योग शास्त्र में निहित हैं। इनमें 'त्राटक' उपासना सर्वोपरि है। हठयोग में इसे दिव्य साधना कहते हैं। त्राटक के द्वारा मन की एकाग्रता,वाणी का प्रभाव व दृष्टि मात्र से संकल्प को पूर्ण कर लेता है।


विधि :
यह सिद्धि रात्रि में अथवा किसी अँधेरे वाले स्थान पर करना चाहिए। प्रतिदिन लगभग एक निश्चित समय पर बीस मिनट तक करना चाहिए। स्थान शांत एकांत ही रहना चाहिए। साधना करते समय किसी प्रकार का व्यवधान नहीं आए, इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए। शारीरिक शुद्धि व स्वच्छ ढीले कपड़े पहनकर किसी आसन पर बैठ जाइए।

अपने आसन से लगभग तीन फुट की दूरी पर मोमबत्ती अथवा दीपक को आप अपनी आँखों अथवा चेहरे की ऊँचाई पर रखिए। अर्थात एक समान दूरी पर दीपक या मोमबत्ती, जो जलती रहे, जिस पर उपासना के समय हवा नहीं लगे व वह बुझे भी नहीं, इस प्रकार रखिए। इसके आगे एकाग्र मन से व स्थिर आँखों से उस ज्योति को देखते रहें। जब तक आँखों में कोई अधिक कठिनाई नहीं हो तब तक पलक नहीं गिराएँ। यह क्रम प्रतिदिन जारी रखें। धीरे-धीरे आपको ज्योति का तेज बढ़ता हुआ दिखाई देगा। कुछ दिनों उपरांत आपको ज्योति के प्रकाश के अतिरिक्त कुछ नहीं दिखाई देगा।

इस स्थिति के पश्चात उस ज्योति में संकल्पित व्यक्ति व कार्य भी प्रकाशवान होने लगेगा। इस आकृति के अनुरूप ही घटनाएँ जीवन में घटित होने लगेंगी। इस अवस्था के साथ ही आपकी आँखों में एक विशिष्ट तरह का तेज आ जाएगा। जब आप किसी पर नजरें डालेंगे, तो वह आपके मनोनुकूल कार्य करने लगेगा।

इस सिद्धि का उपयोग सकारात्मक तथा निरापद कार्यों में करने से त्राटक शक्ति की वृद्धि होने लगती है। दृष्टिमात्र से अग्नि उत्पन्न करने वाले योगियों में भी त्राटक सिद्धि रहती है। इस सिद्धि से मन में एकाग्रता, संकल्प शक्ति व कार्य सिद्धि के योग बनते हैं। कमजोर नेत्र ज्योति वालों को इस साधना को शनैः-शनैः वृद्धिक्रम में करना चाहिए।
Show comments

Surya gochar 2025: सूर्य के तुला राशि में होने से 4 राशियों को मिलेगा लाभ ही लाभ

Chhath puja 2025: छठ पूजा की संपूर्ण सामग्री और विधि

Chhath puja 2025: बिहार में छठ पूजा कब है और क्यों मनाया जाता है?

Numerology: अंक शास्त्र, संख्याओं के रहस्य में छिपा जीवन का विज्ञान

Chhath puja 2025 date: वर्ष 2025 में कब है छठ पूजा, जानिए संपूर्ण दिनों की जानकारी

Chhath puja upay: छठ पूजा पर ज्योतिष और लाल किताब के अचूक उपाय

Mangal gochar 2025: मंगल का वृश्चिक राशि में प्रवेश, 3 राशियों के लिए है अशुभ संकेत

Kushmanda Jayanti: कूष्मांडा जयंती के दिन करें माता की खास पूजा, मिलेगा सुख संपत्ति का आशीर्वाद

Kartik Month 2025: क्यों खास है कार्तिक माह? जानिए महत्व और इस महीने में क्या करें और क्या करने से बचें

Kartik Month 2025: कार्तिक मास में कीजिए तुलसी के महाउपाय, मिलेंगे चमत्कारी परिणाम बदल जाएगी किस्मत