अधिकांश छात्रों की स्मरण शक्ति यानी स्मृति कमजोर होती हैं। ऐसे विद्यार्थियों को मां सरस्वती की वसंत पंचमी के दिन पूजा करनी चाहिए। नियमित सरस्वती मंत्रों का जाप भी करना चाहिए। उन्हें अधिकतर हल्के पीले रंग के या शुद्ध सफेद रंग के कपड़े पहनने चाहिए।
कैसे करें सरस्वती मंत्र का प्रयोग : प्रात: स्नान इत्यादि से निवृत होने के बाद मंत्र जप आरंभ करें। अपने समक्ष मां सरस्वती का यंत्र, प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। अब चित्र, प्रतिमा या यंत्र के ऊपर श्वेत चंदन, श्वेत पुष्प व अक्षत (चावल) भेंट करें और धूप-दीप जलाकर देवी की पूजा करें और अपनी मनोकामना का मन में स्मरण करके स्फटिक की माला से किसी भी सरस्वती मंत्र की शांत मन से एक माला फेरें।
सरस्वती मंत्र 1 : या कुंदेंदु तुषार हार धवला या शुभ्र वस्त्रावृता। या वीणा वर दण्ड मंडित करा या श्वेत पद्मासना। या ब्रह्माच्युत्त शंकर: प्रभृतिर्भि देवै सदा वन्दिता। सा माम पातु सरस्वती भगवती नि:शेष जाड्या पहा। -
अर्थात् जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुन्द के फूल, चंद्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह श्वेत वर्ण की हैं और जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभायमान हैं, जिन्होंने श्वेत कमलों पर अपना आसन ग्रहण किया है तथा ब्रह्मा, विष्णु एवं शंकर आदि देवताओं द्वारा जो सदा पूजित हैं, संपूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली ऐसी मां सरस्वती आप हमारी रक्षा करें।
विद्या प्राप्ति हेतु मंत्र : विद्या: समस्तास्तव देवि भेदा: स्त्रिय: समस्ता: सकला जगत्सु। त्वयैकया पूरितमम्बयैतत् का ते स्तुति: स्तव्यपरा परोक्तिः॥ उपरोक्त मंत्र का जप हरे हकीक या स्फटिक माला से प्रतिदिन सुबह 108 बार करें, तदुपरांत एक माला जप निम्न मंत्र का करें।
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं महा सरस्वत्यै नमः ।