शनिदेव का महामृत्युंजय मंत् र ॐ त्र्यंम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्म्त्योर्मुक्षीय याऽमृतात।। इन मंत्रों का पूर्ण विधि-विधान से शनि-अमावस्या, शनिवार, शनि-जयंती या शनिदेव की दशा में सवा लाख जाप करें।
यदि घर पर संभव हो तो किसी ब्राह्मण या पंडित से भी करा सकते हैं। प्रतिदिन 10 माला के हिसाब से इस मंत्र का जाप 125 दिन तक करें।