शनि-मंगल राहु शांति के लिए करें भैरव पूजा

Webdunia
श्री भैरव से काल भी भयभीत रहता है अत: उनका एक रूप 'काल भैरव' के नाम से विख्यात हैं।
 
दुष्टों का दमन करने के कारण इन्हें "आमर्दक" कहा गया है।
 
शिवजी ने भैरव को काशी के कोतवाल पद पर प्रतिष्ठित किया है।
 

 

 
जिन व्यक्तियों की जन्म कुंडली में शनि, मंगल, राहु आदि पाप ग्रह अशुभ फलदायक हों, नीचगत अथवा शत्रु क्षेत्रीय हों। शनि की साढ़े-साती या ढैय्या से पीडित हों, तो वे व्यक्ति भैरव जयंती अथवा किसी माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी, रविवार, मंगलवार या बुधवार प्रारम्भ कर बटुक भैरव मूल मंत्र की एक माला (108 बार) का जाप प्रतिदिन रूद्राक्ष की माला से 40 दिन तक करें, अवश्य ही शुभ फलों की प्राप्ति होगी।

मंत्र :  
'ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं।'
Show comments

ज़रूर पढ़ें

कहीं आपका मोबाइल तो नहीं बिगाड़ रहा कुंडली में राहु की स्थिति? जानिए राहु दोष और मोबाइल का संबंध और बचाव के उपाय

लेफ्ट या राइट, नंदी के किस कान में बोलने से पूरी होती है हमारी इच्छा?

शिवरात्रि पर प्रदोष काल या निशिथ मुहूर्त में करें शिवलिंग की पूजा तो मिलेगा दोगुना फल

भगवान की आरती करने का सही और वैज्ञानिक तरीका, मिलेंगे कई फायदे

मंगल का कन्या राशि में गोचर, शनि से होगी टक्कर, बचकर रहें ये 4 राशियां

सभी देखें

नवीनतम

27 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

27 जुलाई 2025, रविवार के शुभ मुहूर्त

हरियाली तीज पर कौन कौन से कार्य करते हैं, जानिए महत्व और अचूक उपाय

2025 Weekly Horoscope: ग्रहों की चाल और आपका भाग्य, पढ़ें साप्ताहिक राशिफल (28 जुलाई से 3 अगस्त तक)

नागपंचमी पर करें इस तरह नागों की पूजा तो सर्प और कालसर्प दोष से मिलेगी मुक्ति