कुंडली में शुक्र पर अशुभ राहु का विशेष प्रभाव जातक के भीतर कामेच्छा और वासना को आवश्यकता से अधिक बढ़ा देता है। इससे पीड़ित जातक अपनी शारीरिक ऊर्जा तथा पैसा बुरी आदतों में उड़ाता है। शुक्र के दुष्प्रभाव से जातक की सेहत तथा प्रजनन क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। जातक गुप्त रोग से पीड़ित भी हो सकता है।
इस दिन दही और लाल ज्वार का दान करना चाहिए। सफेद रेशमी वस्त्रों का दान करें। शुक्र को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार को ब्राह्मण को खीर खिलानी चाहिए। इस दिन गायक, वादन करने या ललित कलाओं के कलाकारों को भोजन कराने से शुक्रदेव प्रसन्न होते हैं। गूलर के वृक्ष की परिक्रमा करने और जल चढ़ाने से भी शुक्रदेव प्रसन्न होते हैं।
शुक्र मंत्र का जाप 6 बार किया जाता है।
हिम कुन्दमृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम । सर्वशास्त्रप्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम।। * द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:। शुक्राय विद्महे शुक्लांबरधर: धीमहि तन्न: शुक्र प्रचोद्यात्। ( समाप्त)
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