गाय की यह 11 बातें जानकर दंग रह जाएंगे... पढ़ें कुछ अचूक उपाय

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* आप नहीं जानते होंगे गाय से जुड़ें ये खास शुभ शकुन और गौमाता की महिमा...

 
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार गाय सृष्टिमातृका कही जाती है। गाय के रूप में पृथ्वी की करुण पुकार और विष्णु से अवतार के लिए निवेदन के प्रसंग पुराणों में बहुत प्रसिद्ध हैं।

गाय सहज रूप से भारतीय जनमानस में रची-बसी है। गौसेवा को एक कर्तव्य के रूप में माना गया है। आइए जानें गाय की महिमा और गाय से जुड़े शुभ शकुन- 
 
1. किसी की जन्मपत्रिका में सूर्य नीच राशि तुला पर हो या अशुभ स्‍थिति में हो अथवा केतु के द्वारा परेशानियां आ रही हों तो गाय में सूर्य-केतु नाड़ी में होने के फलस्वरूप गाय की पूजा करनी चाहिए, दोष समाप्त होंगे।

 
2. सूर्य, चंद्र, मंगल या शुक्र की युति राहु से हो तो पितृदोष होता है। यह भी मान्यता है कि सूर्य का संबंध पिता से एवं मंगल का संबंध रक्त से होने के कारण सूर्य यदि शनि, राहु या केतु के साथ स्थित हो या दृष्टि संबंध हो तथा मंगल की यु‍ति राहु या केतु से हो तो पितृदोष होता है। इस दोष से जीवन संघर्षमय बन जाता है। यदि पितृदोष हो तो गाय को प्रतिदिन या अमावस्या को रोटी, गुड़, चारा आदि खिलाने से पितृदोष समाप्त हो जाता है।

 
3. यदि बुरे स्वप्न दिखाई दें तो मनुष्य गोमाता का नाम ले, बुरे स्वप्न दिखने बंद हो जाएंगे।
 
4. जन्मपत्री में यदि शुक्र अपनी नीच राशि कन्या पर हो, शुक्र की दशा चल रही हो या शुक्र अशुभ भाव (6,8,12) में स्‍थित हो तो प्रात:काल के भोजन में से एक रोटी सफेद रंग की गाय को खिलाने से शुक्र का नीचत्व एवं शुक्र संबंधी कुदोष स्वत: समाप्त हो जाता है।
 
5. गाय के घी का एक नाम आयु भी है- 'आयुर्वै घृतम्'। अत: गाय के दूध-घी से व्यक्ति दीर्घायु होता है। हस्तरेखा में आयुरेखा टूटी हुई हो तो गाय का घी काम में लें तथा गाय की पूजा करें।

 
6. देशी गाय की पीठ पर जो ककुद् (कूबड़) होता है, वह 'बृहस्पति' (गुरु) है। अत: जन्म पत्रिका में यदि बृहस्पति अपनी नीच राशि मकर में हों या अशुभ स्थिति में हों तो देशी गाय के इस बृहस्पति भाग एवं शिवलिंगरूपी ककुद् के दर्शन करने चाहिए। गुड़ तथा चने की दाल रखकर गाय को रोटी भी दें।
 
7. यदि रास्ते में जाते समय गोमाता आती हुई दिखाई दें तो उन्हें अपने दाहिने ओर से जाने देना चाहिए, यात्रा सफल होगी।
 
8. ज्योतिष में गोधू‍लि का समय विवाह के लिए सर्वोत्तम माना गया है।
 
9. जन्मपत्रिका में सूर्य-चंद्र कमजोर हो तो गौनेत्र के दर्शन करें, लाभ होगा, क्यों‍कि गौमाता के नेत्रों में प्रकाश स्वरूप भगवान सूर्य तथा ज्योत्स्ना के अधिष्ठाता चंद्रदेव का निवास होता है।
 
10. यदि यात्रा के प्रारंभ में गाय सामने पड़ जाए अथवा अपने बछड़े को दूध पिलाती हुई सामने दिखाई दें तो यात्रा सफल होती है।
 
11. जिस घर में गाय होती है, उसमें वास्तु दोष स्वत: ही समाप्त हो जाता है।

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