मार्गशीर्ष मास की विनायकी चतुर्थी 11 दिसंबर को, इस दिन यह गणेश गायत्री मंत्र देता है साल भर की पूजा का फल

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श्री गणेश गायत्री मंत्र बोल, कर सकते हैं श्री गजानन को प्रसन्न,‍ मिलेगा पूरी पूजा का फल  
 
हिन्दू धर्म में भगवान गणेश के बुद्धिदाता व विघ्रहर्ता के रूप के पीछे यही संदेश है कि शरीर, कर्म या धन की ताकत तब ज्यादा असरदार होती है, जब उनके साथ बुद्धि का सही तालमेल बैठाया जाए। ऐसा गठजोड़ जल्द, मनचाहे और निश्चित सफलता और सुखद नतीजे देने वाला साबित होता है। इसलिए आस्था से कहा भी जाता है कि श्रीगणेश के अनुकूल होने पर पूरा संसार ही अनुकूल हो जाता है। सार यही है कि बुद्धि का सही उपयोग ही सुखदायी व संकटमोचक होता है। 
 
ऐसी ही कामनाओं को पूरा करने के लिए दिन या काम की शुरुआत में भगवान गणेश का ध्यान किया जाता है। 
 
मार्गशीर्ष मास की विनायकी चतुर्थी पर गणेश गायत्री मंत्र बोल कर गणेश पूजा करने से श्री गजानन विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं। यह उपाय सभी परेशानी दूर करने के साथ-साथ घर, परिवार या कार्यालय से जुड़े हर काम सफलता दिलाने वाला है। जानिए विशेष गणेश गायत्री मंत्र - 
 
-स्नान के बाद भगवान गणेश को केसरिया चंदन, सिंदूर, अक्षत, दूर्वा के साथ मोदक का भोग लगाकर पीले आसन पर बैठ यथासंभव रुद्राक्ष या चंदन की माला से नीचे लिखा गणेश गायत्री मंत्र कार्य में सफलता की कामना से कम से कम 108 बार बोलें - 
 
महाकर्णाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ती: प्रचोदयात्। 
एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
 
इस मंत्र से श्री गणेश संपूर्ण पूजा का फल देते हैं। 
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