* जिस जातक के जीवन में उपरोक्त लक्षण हैं, वह नागपंचमी के दिन किसी भी शिव मंदिर में या नाग-नागिन के मंदिर में नाग-नागिन का जोड़ा चढ़ा कर आएं। जोड़ा चांदी का, पंचधातु का, तांबे का या अष्ट धातु का हो।
* नागपंचमी के दिन ही शिव मंदिर में 1 माला शिव गायत्री का जाप (यथाशक्ति) करें एवं नाग-नागिन का जोड़ा चढ़ाएं तो पूर्ण लाभ मिलेगा।
* आम दिनों में भी कालसर्प दोष से मुक्ति के उपाय किए जा सकते हैं। विशेषकर सोमवार को शिव मंदिर में जो जातक यह मंत्र चंदन की अगरबत्ती लगाकर एवं दीपक (तेल या घी) लगाकर जाप करता है, तो उसे अवश्य ही श्रेष्ठ फल प्राप्त होता है।
* यह शिव गायत्री मंत्र सामान्य जातक भी अपने कल्याण के लिए जप सकता है।