- पं. उमेश दीक्षित
ऐश्वर्यपूर्ण जीवन जीना तथा उसका उपयोग करना हर मनुष्य की प्राथमिकता है। वर्तमान युग में लक्ष्मी प्राप्ति मनुष्य का सर्वप्रथम उद्देश्य रहा है, क्योंकि धन के बगैर कुछ भी संभव नहीं है। लक्ष्मी होना सौभाग्य और शक्ति का सूचक है। अभाव में जीना श्रेष्ठता नहीं है।
साधना द्वारा धन प्राप्त करना तथा अन्य लोगों से स्वयं को शक्तिशाली बनाने के लिए नवरात्रि उपयुक्त समय है।
पढ़ें ये मंत्र
(1) दुर्गे स्मृता हरसिभीतिम शेष जन्तो:
स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।
दारिद्रयदु:ख हारिणी का त्वदन्या
सर्वोपकारणाय सदाऽर्द्रचित्ता।।
(2) ते सम्मता जनपदेषु तेषां
तेषां यशांसि न च प्रसीदति धर्म वर्ग:।
धन्यास्त एव निभृतात्मज भृत्यदारा
येषां सदाभ्युदयदा भगवती प्रसन्ना।।
श्री दुर्गा सप्तशती से इन सम्पुट मंत्रों में से कोई एक का अनुष्ठान करें या करवाएं। कठिन हो तो सिर्फ मंत्र की 11 या 21 माला रोज करें। यह भी कठिन लगे तो नित्य एक माला का जाप करें। हवन-पूजन नित्य करें। निश्चित लाभ होगा।