शरीर को स्वस्थ बनाता है 'ॐ' मंत्र, जानिए कैसे करें इसका जाप

Webdunia
Om Mantra Jaap
 
'ॐ' का निरंतर जाप करने से दिमाग शांत होता है और आंतरिक और बाह्य विकारों का भी निदान होता है।  बहुत-सी शारीरिक तकलीफें दूर होती हैं। इसके नियमित जाप से व्यक्ति के प्रभामंडल में वृद्धि होती है।

आइए जानें कैसे करें 'ॐ' का जाप-  
 
* किसी शांत जगह का चुनाव करें। 
 
* यदि सुबह जल्दी उठकर जाप कर पाएं तो बहुत अच्छा। यदि ऐसा संभव न हो, तो रात को सोने से पहले इसका जाप करें।
 
* ॐ का जाप करने के लिए किसी भगवान की मूर्ति, चित्र, धूप, अगरबत्ती या दीये की जरूरत नहीं होती है।
 
* यदि खुली जगह जैसे कोई मैदान, छत या बगीचा न हो तो कमरे में ही इसका जाप करें।
 
* साफ जगह पर जमीन पर आसन बिछाकर जाप करें। पलंग या सोफे पर बैठकर जाप न करें।
 
* 'ॐ' का उच्चारण तेज आवाज में करें।
 
उच्चारण खत्म करने के बाद 2 मिनट के लिए ध्यान लगाएं और फिर उठ जाएं।
 
* इस मंत्र के नियमित जाप से तनाव से पूरी तरह मुक्ति मिलती है।
 
* जाप के दौरान टीवी, म्यूजिक सिस्टम आदि बंद कर दें। कोशिश करें कि जाप के दौरान शोर न हो।
 
* साफ आसन पर पद्मासन बैठें और आंखें बंद कर पेट से आवाज निकालते हुए जोर से ॐ का उच्चारण करें। ॐ को जितना लंबा खींच सकें, खींचें। सांस भर जाने पर रुकें और फिर यही प्रक्रिया दोहराएं।

ALSO READ: लाल किताब : क्या आप रहते हैं चंद्र के मकान में, तो जान लें 5 फायदे

ALSO READ: Motivation Tips : सेल्फ कांफिडेंस बढ़ाने के 7 टिप्स

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

इस मंदिर में है रहस्यमयी शिवलिंग, दिन में तीन बार बदलता है रंग, वैज्ञानिक भी नहीं जान पाए हैं रहस्य

महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर भूलकर भी ना चढ़ाएं ये चीजें, रह जाएंगे भोलेनाथ की कृपा से वंचित

सूर्य की शत्रु ग्रह शनि से युति के चलते 4 राशियों को मिलेगा फायदा

असम में मौजूद है नॉर्थ ईस्ट का सबसे ऊंचा शिव मंदिर, महाशिवरात्रि पर उमड़ता है श्रद्धालुओं का सैलाब

Mahashivaratri 2025: महाशिवरात्रि पर शिवलिंग की पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, आरती और कथा सभी एक साथ

सभी देखें

नवीनतम

18 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन

18 फरवरी 2025, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

महाशिवरात्रि पर रात्रि के 4 प्रहर की पूजा का सही समय और पूजन विधि

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि और शिवरात्रि में क्या है अंतर?

जानकी जयंती 2025: माता सीता का जन्म कब और कैसे हुआ था?

अगला लेख