ऋषि पंचमी : बस इस एक मंत्र से प्रसन्न होंगे सप्तऋषि

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* सप्तऋषि की कृपा पाने का फलदायी मंत्र
 
आज ऋषि पंचमी है। ऋषि पंचमी का व्रत सभी वर्ग क‍ी महिलाओं को करना चाहिए। इस संबंध में यह भी मान्यता है कि भारत के कहीं-कहीं दूसरे स्थानों पर, किसी प्रांत में महिलाएं पंचताडी तृण एवं भाई के दिए हुए चावल कौवे आदि को देकर फिर स्वयं भोजन करती है।
 
इस दिन स्नानादि कर अपने घर के स्वच्छ स्थान पर हल्दी, कुंमकुंम, रोली आदि से चौकोर मंडल बनाकर उस पर सप्तऋषियों की स्थापना करें। तत्पश्चात गंध, पुष्प, धूप, दीप नैवेद्यादि से पूजन करके निम्न मंत्र से सप्तऋषियों को अर्घ्य दें।  
 
सप्तऋषि पूजन का फलदायी मंत्र - 
 
'कश्यपोत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोथ गौतमः।
जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषयः स्मृताः॥
दहन्तु पापं सर्व गृह्नन्त्वर्ध्यं नमो नमः'॥
 
तपश्चात बिना बोया पृथ्वी में पैदा हुए शाकादि का आहार करके ब्रह्मचर्य का पालन करके व्रत करें। इस प्रकार सात वर्ष करके आठवें वर्ष में सप्तर्षिकी पीतवर्ण सात मूर्ति युग्मक ब्राह्मण-भोजन कराकर उनका विसर्जन करें। 

 
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