यदि आप पितृदोष, कालसर्प दोष, ग्रहण दोष या चांडाल योग से परेशान है तो निम्न मंत्रों के जप आपको निश्चित ही लाभ देंगे। बस आपको श्राद्ध पक्ष के 16 दिनों में निम्न मंत्र के जाप 21, 51 व 108 माला नित्य करना है।
साथ ही श्राद्ध के दिन के देवा-देवता के अनुसार उपवास अधिक लाभ देगा। जैसे- द्वादशी तिथि और वार शनिवार हो तो भगवान शनि का व्रत करना अति लाभदायी रहेगा।
पढ़ें ये मंत्र-
1. 'ॐ कुलदेवतायै नम:।'
2. 'ॐ नागदेवतायै नम:।'
3. 'ॐ पितृदेवतायै नम:।'
इन मंत्रों के साथ ही भगवान शनि मंत्रों का जाप करके अधिक लाभ उठाया जा सकता है।