9 ग्रहों के दोष दूर करते हैं श्री गणेश, पढ़ें यह आलेख

Webdunia
जानिए गणेश जी के स्वरूपों का महत्व

 

पुराणों में कहा गया है कि हमें श्वेत गणपति की पूजा करनी चाहिए। इससे जीवन में भौतिक सुख एवं समृद्धि का प्रवाह होता है।  श्री गणेश के शरीर का हर हिस्सा किसी न किसी ग्रह के दोष को दूर करता है।



* धर्मग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि श्री गणेश की स्थापना व पूजा-पाठ अगर विधि-विधान से की जाए तो नौ ग्रहों के दोष आसानी से दूर हो जाते हैं।



* गणेशजी के हाथी जैसे मुख की अलग ही मान्यता है। गणेश का गजमुख बुद्धि का अंकुश, नियंत्रण, अराजक तत्वों पर लगाम लगाने का प्रतीक माना जाता है। उनके चेहरे पर तिलक लगाने से सूर्य ग्रह के दोष दूर होते हैं। 




* गणेश शब्द का अर्थ है गणों का स्वामी। श्री गणेश के ह्रदय पर तिलक लगाने से चंद्र ग्रह की शा‍ंति होती है। 



* हमारे शरीर में पांच ज्ञानेन्द्रियां, पांच कर्मेन्द्रियां तथा चार अंतःकरण हैं तथा इनके पीछे जो शक्तियां हैं उन्हीं को चौदह देवता कहते हैं। श्री गणेश के आयुध की पूजन करने से मंगल ग्रह की शांति होती है। 



* गणेश जी का मूषक जासूसी से सूचनाएं एकत्र करने का प्रतीक है। यह राहु के दोष को भी दूर करता है।



 

* गणेशजी विद्या और बुद्धि के अधिष्ठाता देवता हैं। तर्क-वितर्क में उनका सानी कोई नहीं। उनके अाशीर्वाद वाला हाथ अगर पूजा जाए तो बुध ग्रह की शांति होती है। अगर इस हाथ पर हरी दूब चढ़ाई जाए तो चार गुना लाभ मिलता है। 




* गणेशजी की आराधना करने से निश्चित ही विद्यार्थियों को विद्या प्राप्त होती है। उनके पीले अंगवस्त्र यानी पीतांबर पर हल्दी चढ़ाई जाए तो गुरु ग्रह की शांति होती है। 









* श्री गणेश के पूजन से धन की चाह रखने वालों को धन एवं सुख-समृद्धि की प्राप्ति भी होती है। गणेश जी के हाथों का लड्डू पूजने से केतु ग्रह शांत होते हैं तथा उन पर नीला पुष्प चढ़ाने से शनि ग्रह के दोष से मुक्ति मिलती है। 



 
Show comments

ज़रूर पढ़ें

वर्ष 2025 में कब से प्रारंभ हो रहे हैं चातुर्मास, कब तक रहेंगे?

सूर्य ग्रहण का किन 2 राशियों पर होगा नकारात्मक प्रभाव?

इस्लाम और यहूदी धर्म में क्या है समानता?

देवशयनी एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा, क्या महत्व है इस एकादशी का?

वर्ष 2025 में कब से शुरू हो रहा है सावन माह का सोमवार, जानिए श्रावण मास डेट एंड पूजा टाइम

सभी देखें

नवीनतम

28 जून 2025 : आपका जन्मदिन

28 जून 2025, शनिवार के शुभ मुहूर्त

सावन में अपनी राशि के अनुसार ज्योतिर्लिंग के दर्शन से पाएं महादेव का विशेष आशीर्वाद

पंढरपुर यात्रा कब और क्यों निकाली जाती हैं, जानें इतिहास

सावन सोमवार 2025 में उज्जैन महाकाल सवारी कब कब निकलेगी