आपका जन्म लग्न और देवी मंत्र

जन्म लग्न के अनुसार करें कैसे देवी आराधना

पं. सुरेन्द्र बिल्लौरे

प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयम्‌ ब्रह्मचारिणी।

तृतीयं चंद्रघंटेति कुष्मांडेति चतुर्थकं॥

पंचमं स्कंदमातेति, षष्टम कात्यायनीति च।

सप्तमं कालरात्रीति, महागौरीति चाष्टमं॥

नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा प्रकीर्तिताः॥


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मां दुर्गा के नौ रूप के अलावा भी कई रूप है। जिनका स्मरण करके हम अपने जीवन को धन्य बना सकते है। कोई भी व्यक्ति अपने लग्न अनुसार देवी की स्तुति करें, तो समस्त मनोरथ पूर्ण होते है।


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मेष लग्न -ॐ मंगलदायनी नम:


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वृषभ लग्न- ॐ हंसवाहिनी नम:


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मिथुन लग्न- ॐ क्रियायै नम:


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कर्क लग्न- ॐ शांभव्यै नम:


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सिंह लग्न- ॐ हरिप्रियायै नम:


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कन्या लग्न- ॐ सुभगायै नम:


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तुला लग्न- ॐ अपरायै नम:


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वृश्चिक लग्न- ॐ मधुमत्यै नम:


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धनु लग्न- ॐ हंसायै नम


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मकर लग्न- ॐ पुष्करायै नम:


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कुम्भ लग्न- ॐ त्रिगुणायै नम:


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मीन लग्न- ॐ कामिन्यै नम:


( समाप्त)

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