आपकी परेशानियों को दूर करेंगे देवगुरु बृहस्पति के उपाय

गुरुवार के दिन अवश्य करें यह खास उपाय

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गुरुवार के दिन बृहस्पति देव का पूजन किया जाता है। बृहस्पति देवताओं के गुरु हैं। वे धन समृद्धि, पुत्र प्राप्ति और शिक्षा के दाता है। उन्हें पीली वस्तुएं बेहद प्रिय है। देवगुरु शील और धर्म के अवतार हैं।

गुरुवार का व्रत करने वाले व्रतधारियों को केले के वृक्ष का पूजन करना चाहिए तथा पूजा के बाद बृहस्पति की कथा सुननी एवं आरती करनी चाहिए। उनकी नियमित पूजा-अर्चना से भक्त के अंदर आध्यात्मिक शक्ति का उदय होता है।

इसीलिए गुरु की कृपा प्राप्ति के लिए गुरुवार के दिन अवश्य करें निम्न उपाय :-

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* अगर किसी जातक का विवाह न हो रहा हो तो गुरुवार का व्रत करने से विवाह शीघ्र ही निश्चित होता है। इस विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए देवगुरु बृहस्पति के समक्ष गाय के घी का दीपक जलाना उचित रहता है।

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देवगुरु बृहस्पति को पीले फूल चढ़ाकर, पीली मिठाई का भोग लगाया जाता है। जिनमें पीले फूल, पीले चावल, पीला चंदन, पीली मिठाई, गुड़, मक्के का आटा, चना दाल आदि का भोग लगाया जाता है। माथे पर हल्दी का तिलक लगाकर निम्न मंत्र का जाप हल्दी गांठ की माला से करना लाभदायी होता है।

मंत्र - ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः।

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* अगर अविवाहित युवती शुक्ल पक्ष से प्रति 11 गुरुवार तक नहाने के जल में थोड़ी-सी हल्दी मिलाकर स्नान करें, तो उसकी शादी जल्दी होने की संभावना बनती है।


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* ग्यारह गुरुवार ‍तक केवांच की जड़ ( Kevanch) पीस कर माथे पर लगाने से नींद न आने की शिकायत दूर हो जाती है।

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* खासतौर पर महिलाएं गुरुवार के दिन हल्दी मिश्रित उबटन बनाकर अपने शरीर पर लगाएं तो पति-पत्नी में प्रेम बढ़ता है।

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* गुरुवार के दिन गाय का घी, शहद, हल्दी, पीले कपड़े, किताबें, गरीब कन्याओं को भोजन का दान किया जाना उचित रहता है। साथ ही इस दिन गुरुओं की सेवा करने से बृहस्पति देव प्रसन्न होते है।

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* गुरुवार के दिन केले का दान करना लाभदायी होता है।

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गुरुवार के दिन चमेली के पुष्प, गूलर, दमयंती, मुलहठी और शहद मिश्रित जल से स्नान करने पर गुरु के अशुभ प्रभाव कम होकर समस्त पीड़ाओं से मुक्ति मिलती है।

( समाप्त)

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