विविध कामनाओं की पूर्ति के लिए, किसी के द्वारा नेष्ट के लिए की गई क्रिया को नष्ट करने के लिए उच्छिष्ट गणपति की साधना करना चाहिए। इनका जप करते समय मुंह में गुड़, लौंग, इलायची, पताशा, ताम्बुल, सुपारी होना चाहिए। यह साधना अक्षय भंडार प्रदान करने वाली है। इसमें पवित्रता-अपवित्रता का विशेष बंधन नहीं है।
उच्छिष्ट गणपति का मंत्र * ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा