मंत्र जपने के लिए माला क्यों है जरूरी, पढ़ें आलेख

पं. सुरेन्द्र बिल्लौरे

मंत्र साधना में क्यों है माला का महत्व
* मंत्र साधना, माला, महत्व और नियम

 

 
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किसी भी प्रकार की विपत्ति के लिए ग्रहों की शांति की जाती है। देवी-देवताओं का पूजन किया जाता है। किसी जातक की कुंडली में वर्तमान की स्थिति देखकर जो ग्रह कमजोर होते हैं, उनका पूजन अथवा जप किया जाता है।

जप-साधना में मंत्रों की निश्चित संख्या होती है अत: जप में गणना आवश्यक है। जप गणना के लिए माला का प्रयोग किया जाता है।

 

 

आगे पढ़ें माला के प्रकार

 


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मंत्र जाप में माला के प्रका र

जप-साधना में गोपुच्छ अथवा सर्पाकृति माला का अत्यंत महत्व है।

गोपुच्छ माला : जिस माला में पहले मोटे मनके (जिसकी माला हो वह दाने या मोती) पिरोए जाते हैं और बाद में पतले मनके पिरोए जाते हैं, वह गोपुच्छ माला कहलाती है।

सर्पाकृति माला : जिस माला में आगे व पीछे पतले मनके पिरोए जाते हैं और बीच में मोटे मनके पिरोए जाते हैं वह माला सर्पाकृति माला कहलाती है।

* क्रिया अनुसार माला का धागा लें।

* आपको यदि शांति व पुष्टि के लिए जप करना है तो माला में सफेद धागे का प्रयोग करें।

* जप आकर्षण व वशीकरण के लिए करना है तो लाल धागे का प्रयोग करें।

* स्तंभन के लिए पीले धागे का प्रयोग करें एवं मारण क्रिया के लिए काले धागे का प्रयोग माला में करना चाहिए।

आगे पढ़ें किस जप में कौन-सी माला


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किस जप में कौन सी माला लें

* मोक्ष पाने के लिए स्फटिक की माला।

* आकर्षण के लिए लाल चंदन की माला।

* वशीकरण के लिए मूंगे की माला।

* श्री प्राप्ति के लिए कमल गट्टे की माला।

आगे पढ़ें ऐसी कौन-सी माला है, जो विशेष महत्व रखती है....


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विशे ष

रुद्राक्ष की माला सर्वश्रेष्ठ होती है। यह माला पापनाशक एवं सर्व सिद्धि प्राप्त करने वाली होती है। रुद्राक्ष की माला से सारे कार्य सिद्ध होते हैं।

आगे पढ़ें कौन- सी माला कितना फल देती है...


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कौन- सी माला कितना फल देती है...

* रक्त चंदन की माला दस गुना फल।
* लाल चंदन की माला सौ गुना।
* मूंगे की माला हजार गुना।
* स्फटिक की माला का 10 हजार गुना एवं रुद्राक्ष की माला का अनंत गुना फल प्राप्त होता है।

आगे पढ़ें माला जपने के नियम...


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निय म

जिस माला से जाप करें, उसे दाहिने हाथ में रखना चाहिए।

जप करते समय माला का भूमि पर स्पर्श नहीं होना चाहिए।

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