संतान प्राप्ति हेत‍ु जपें स्कन्द माता का मंत्र

स्कन्द माता का मंत्र दिलाएगा संतान सुख

पं. उमेश दीक्षित

चैत्र नवरात्रि 2014 : पंचमी तिथ ि


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पंचमी तिथि की अधिष्ठात्री देवी स्कन्द माता हैं। जिन व्यक्तियों को संतानाभाव हो, वे माता की पूजन-अर्चन तथा मंत्र जप कर लाभ उठा सकते हैं। मंत्र अत्यंत सरल है -

' ॐ स्कन्दमात्रै नम:।।'

निश्चित लाभ होगा।

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वे लोग, जो दारिद्रय का दुख भोग रहे हों, निम्न मंत्र का जप करें। नवरात्रि में 11-21-51 माला नित्य जप कर मंत्र सिद्ध करें। उपरांत नित्य एक माला जप कर दारिद्रय को छू कर दें। आवश्यकता है श्रद्धा एवं विश्वास की। मंत्र-

' ॐ ऐं श्रीं नम: दुर्गे स्मृता हरसि भीतिम शेष-जन्तोः,
स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव-शुभां ददासि।
दारिद्रय दुख भय हरिणी का त्वदन्या,
सर्वोपकार करणाय सदार्द्रचित्ता नमो श्रीं ॐ।।'

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होम द्रव्य में बिल्व फल, कनेर, पुष्प, कमलादि लें। जो व्यक्ति बेरोजगार हों या कार्य मनमाफिक न हो, मंत्र जप कर अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकते हैं।

' ॐ ह्रीं कार्य सिद्धिं ॐ नम:।।'




जिन कन्याओं का इच्छित व्यक्ति से विवाह न हो रहा हो, वे निम्न मंत्र जपें।

' ॐ ह्रीं योगिनी योगिनी योगेश्वरी योगेश्वरी योगभयंकरी सकल स्थावर जंगमस्य मुखं हृदयं मम वश्याकर्षय आकर्षय स्वाहा ।

या रात्रि 10 से 12 बजे तक नित्य जपें।

' ॐ क्लीं विवाह सिद्धिं ॐ ते नम:।'

हवन में सभी सामग्री के साथ थोड़ा-सा नमक मिला लें।


ऐसी‍ स्त्रियां जिनकी ‍पत्रिका में वैधव्य योग हो या उनके पति की पत्रिका में कम उम्र का अंदेशा हो, वे निम्न मंत्र की 11 माला तथा नीचे दूसरे लिखे मंत्र की 1+1 माला आगे-पीछे नित्य करें। देवी का पूजन रक्त पुष्पों से करें।

(1) ' ॐ ॐ ह्रीं ॐ क्रीं ह्रीं ॐ स्वाहा।' 11 माला करना है।

(2) देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि जयं देहि यशोदेहि द्विषो जहि। ।

आगे-पीछे एक माला करें ।

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