राशियाँ : मेष और वृषभ राशि

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( राशि के अद्याक्षर : चू, चो, चे, ला, ली, लू, लो, ल े, आ)

मे ष : आपकी जन्मकुंडली में चंद्रमा 1 अंक के साथ लिखा होने से ही जन्म राशि मेष मानी जाती है।

राशि चक्र में यह सर्वप्रथम राशि है। इसका स्वामी मंगल माना गया है। मेष राशि वाले व्यक्तियों का मिजाज गरम रहता है। कभी-कभी आँखों में सुर्खी बनी हुई भी देखी गई है।

बुद्धिमत्ता का जोश, महत्वाकांक्षा, कर्तव्य शक्ति, प्रतिज्ञापालन की दृढ़ता, साहस व निडरता विशिष्ट गुण होते हैं। यह अनुभव सिद्ध बात है।

( राशि के अद्याक्षर- ई, उ, ए, ऐ, ओ, व, वा, वी, वू, वे, वो, वै, वं)

वृषभ : आपकी जन्मकुंडली में चंद्रमा 2 अंक के साथ लिखा होने से जन्म राशि वृषभ है। राशि चक्र में इसका दूसरा स्थान है। इसका स्वामी या मालिक ग्रह शुक्र होता है। वृषभ राशि वालों की जीवन शक्ति बहुत होती है। ये लोग चुपचाप कभी नहीं बैठते हैं।

किसी न किसी काम में संलग्न रहते हैं। ये परिश्रम से बिलकुल नहीं डरते हैं। इस प्रकार मेहनत करते रहने से ही इन्हें किसी प्रकार का शारीरिक कष्ट हो जाता है। अतः परिश्रम के साथ-साथ आवश्यक आराम व निद्रा लेना भी आवश्यक होता है।

इस राशि में शनि अच्छा होता है। चंद्रमा बलवान होता है। इसके अलावा सूर्य, गुरु या बुध ग्रह जब भी गोचर में आपकी राशि में आते हैं, तभी जीवन में अच्छा वातावरण बनता रहता है।

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