Shani Margi 2025: 13 जुलाई 2025 शनि ग्रह मीन राशि में वक्री हो गए थे और अब वे 28 नवंबर 2025 को सुबह 09:20 बजे पुन: मार्गी अवस्था में आने वाले हैं। कुल 138 दिन के बाद कुछ राशियों को राहत मिलेगी और जीवन में बदलाव होने लगेगा। इस बदलाव के चलते 3 राशियों को मिलेगा बम्पर लाभ।
1. कर्क राशि: भाग्य का उदय और करियर में बड़ी सफलता:
शनि की स्थिति: नवम भाव (भाग्य स्थान) में मार्गी चाल।
शनि की दृष्टियां: एकादश (आय), तृतीय (प्रयास), और षष्ठम (रोग, शत्रु) भाव पर।
मुख्य परिणाम: पिछले तीन वर्षों की अड़चनें, तनाव और रुकावटें अब समाप्त होंगी; भाग्य का प्रबल सहयोग। रोग और शत्रुओं से मुक्ति मिलेगी।
शुभ योग: लग्न में स्थित बृहस्पति की नवमस्थ शनि पर दृष्टि, जिससे भाग्य का सहयोग अत्यधिक बढ़ेगा। 7 दिसंबर तक मंगल का पंचम भाव में होना आत्मविश्वास, ऊर्जा और निर्णय क्षमता को मजबूत करेगा।
करियर फोकस: रियल एस्टेट, निर्माण, आर्किटेक्चर, ऑटोमोबाइल, पर्यटन, ट्रांसपोर्ट, इंश्योरेंस और मार्केटिंग से जुड़े जातकों को बड़ी सफलता मिलने के संकेत।
सेहत: सामान्य रहेगी लेकिन कुछ मामलों को लेकर मानसिक तनाव रह सकता है।
सारांश: यह काल करियर में शानदार वृद्धि, आर्थिक स्थिरता और जीवन को नई दिशा देने वाला साबित होगा। आप अधिक सक्रिय और लक्ष्य-समर्पित महसूस करेंगे।
उपाय: सोमवार को शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाएँ। यह चंद्र राशि (कर्क) को बल देगा और शनि की क्रूरता को शांत करेगा। शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएँ और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का जाप करें।
2. मकर राशि: उत्साह और ऊर्जा की वापसी:
शनि की स्थिति: आपकी राशि से तीसरे भाव (पराक्रम, भाई-बहन) में सीधी चाल।
शनि की दृष्टियाँ: पंचम (शिक्षा/संतान), नवम (भाग्य), और द्वादश (व्यय/विदेश) भाव पर।
मुख्य परिणाम: जीवन में उत्साह, ऊर्जा और नए अवसरों की वृद्धि; अटके हुए कार्य तेजी से गति पकड़ेंगे।
व्यापार/नौकरी: दोनों क्षेत्रों में प्रगति और लाभ के अवसर बढ़ेंगे। व्यापारियों के लिए कमाई बढ़ाने और व्यापार विस्तार हेतु अत्यंत अनुकूल समय।
यात्राएँ: छोटी यात्राएँ लाभदायक रहेंगी; विदेश से जुड़ी योजनाओं में सफलता या विदेश यात्रा के योग।
संबंध: भाई-बहनों के साथ संबंधों में सुधार और घर का माहौल सामंजस्यपूर्ण रहेगा।
स्वास्थ्य: नवंबर के बाद स्वास्थ्य में सुधार दिखेगा, विशेषकर पेट संबंधी परेशानियों में कमी आएगी।
सारांश: मकर राशि के लिए यह गोचर मेहनत का मीठा फल लाएगा। लंबे समय से किए गए प्रयासों का अब परिणाम मिलने का समय आ गया है।
उपाय: प्रतिदिन या मंगलवार/शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करना। इससे शनि के तीसरे भाव के शुभ फल और बढ़ेंगे और बाधाएँ हटेंगी। अपने कार्यक्षेत्र के निचले कर्मचारियों (ड्राइवर, नौकर, श्रमिक) का सम्मान करें और उन्हें यथाशक्ति दान दें।
मीन राशि: स्थिरता और आत्मविश्वास की पुनर्स्थापना:
शनि की स्थिति: लग्न भाव (प्रथम भाव) में मार्गी चाल; राशि पर साढ़े साती का पहला चरण जारी।
शनि की दृष्टियाँ: तृतीय (पराक्रम), सप्तम (दांपत्य, साझेदारी), और दशम (कार्यक्षेत्र) भाव पर।
मुख्य परिणाम: वक्री शनि के कारण रुकी हुई करियर की रफ्तार वापस आएगी, मानसिक दबाव कम होगा। व्यापार में तेजी। मानसिक ऊर्जा और आत्मविश्वास लौटेगा। थकान और कार्यों को टालने की प्रवृत्ति कम होगी। निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होगी।
पुरानी समस्याएं: पिछले महीनों में अनुभव की गई चुनौतियाँ, काम में देरी, आत्मविश्वास में कमी और आर्थिक असंतुलन में कमी आएगी।
करियर की राह: नौकरी बदलने या नई जगह से ऑफर मिलने की संभावना बढ़ेगी। सरकारी और बड़े कामों में प्रगति।
आर्थिक लाभ: खर्चों पर नियंत्रण, आमदनी में वृद्धि और रुका हुआ धन वापस मिलने की प्रबल संभावना।
संबंध: मित्रों और भाइयों से अपेक्षित सहयोग मिलना शुरू होगा, मन का असंतोष दूर होगा।
सारांश: यह समय मीन राशि को जीवन में स्थिरता, संतुलन और नई गति प्रदान करेगा, जिससे वे साढ़े साती के अगले चरण का सामना अधिक मजबूती से कर सकेंगे।
उपाय: शनिवार को इस स्तोत्र का पाठ करने से साढ़े साती का पहला चरण कम कष्टकारी होता है। शनिवार को काले वस्त्र, कंबल, तेल, या उड़द दाल का दान करना।