वृषभ-स्वभावगत कमियां
वृषभ राशि वालों को डराना-धमकाना संकट को आमंत्रित करना है। क्रोध में आकर ये लोग सीमाओं को भी पार कर सकते हैं। स्वयं झगड़ालू नहीं होते हैं, पर यदि कोई उनसे स्वयं अटकता है तो उसे पर्याप्त दंड दिए बिना भी नहीं छोड़ते। वह तब गंभीर से गंभीर वार भी कर देते हैं। जिद्दी होते हैं। इस राशि वाले स्वभाव से अत्यंत आलसी होते हैं। वृषभ राशि के व्यक्ति अन्य व्यक्तियों की अपेक्षा कहीं अधिक रूढ़िवादी होते हैं। भोजन के मामले मेंें ये संयम नहीं रख पाते हैं, चटोरपन इसकी आदत होती है। वृषभ राशि में स्वयं को महान समझने की भावना होती है। दूसरे की सफलता को देखकर वह उसके स्थान पर अपनी कल्पना करना उसका स्वभाव बन जाता है। वह ईर्ष्या नहीं करता, पर स्वयं भी वैसी ही सफलता पाने के लिए लालायित हो उठता है। वह एक ओर जहां अत्यधिक सहनशील तथा सहानुभूति पूर्ण होता है, वहीं दूसरी ओर वह अपनी भावनाओं पर ठेस लगने के कारण अपने व्यवहार से भी पलट जाता है तथा रचनात्मक के स्थान पर उसका रोल ध्वंसात्मक हो जाता है। कमियों से बचने के उपाय हिन्दू पद्धति में वृषभ राशि के जातकों को कष्ट रहने पर संकष्टी चतुर्थी, प्रदोष, रामायण पाठ, गायत्री जप अथवा मंगलवार को उपवास करना चाहिए। शुक्रवार का व्रत एवं शिव उपासना भी शुभफलदायिनी है। सफेद वस्तुओं चावल, मिसरी, दूध, सफेद वस्त्र का दान से शुभ की प्राप्ति होती है। 'ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः शुक्राय नमः' - इस मंत्र का 16,000 जाप करना मनोकामना पूर्ति करने में सहायक है।