नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोतरी लगातार जारी है। पिछले 15 महीने में दामों में 35 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो गई है।
इससे वाहन के परिचालन की कुल लागत में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में खरीदारों के बीच अब अधिक एवरेज और रखरखाव की कम लागत वाले वाहनों की मांग बढ़ेगी।
एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक विशेषरूप से 10 लाख रुपए से कम की श्रेणी में ऐसे वाहनों की मांग बढ़ेगी, जिनके परिचालन, रखरखाव की लागत कम होगी। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 15 माह में ईंधन के दाम 35 प्रतिशत बढ़ गए हैं। ऐसे में वाहन रखने और चलाने की लागत बढ़ रही है।
हमने जो बातचीत की है उससे पता चलता है कि उपभोक्ता ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर चिंतित हैं। रिपोर्ट में मारुति सुजुकी की स्विफ्ट के पेट्रोल मॉडल का उदाहरण देते हुए कहा गया है कि इस कॉम्पैक्ट वाहन की मियाद अवधि तक इसकी लागत में ईंधन का हिस्सा 40 प्रतिशत बैठेगा। 2020 के मध्य तक यह 30 प्रतिशत था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा परिदृश्य में खरीदारों के बीच ऊंची ईंधन दक्षता तथा रखरखाव की कम लागत वाले वाहनों का आकर्षण बढ़ेगा।
विशेषरूप से 10 लाख रुपए से कम कीमत वाली वाहन श्रेणी में यह स्थिति बनेगी। एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च ने कहा कि हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि ईंधन दक्षता से लेकर स्वामित्व की कुल लागत (सीओओ) दोनों में मारुति बाजार में शीर्ष पर बनी हुई है।