नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (National Security Advisor) अजीत डोभाल (Ajit Doval) के घर धर्मगुरुओं की बैठक में शामिल शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद (maulana kalbe jawad) ने अयोध्या पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि मुझे वास्तव में अपने देश पर गर्व है कि इतने बड़े मुद्दे जो वर्षों से लंबित थे, इतनी आसानी से हल हो गए। हिन्दू और मुस्लिम दोनों ने बहुत धैर्य से काम लिया है, यह बेहद प्रशंसनीय है। शिया धर्मगुरु का इशारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने, तीन तलाक और रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की तरफ था।
अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के एक दिन बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के निवास पर देश के प्रमुख धर्मगुरूओं और बुद्धिजीवियों की एक बैठक हुई।
बैठक का उद्देश्य धर्मगुरुओं के साथ संवाद और संपर्क के माध्यम से सभी समुदायों के बीच भाईचारे की भावना को मजबूत बनाना था। समाज के विभिन्न धर्मों के गुरुओं और बुद्धिजीवियों ने राष्ट्रहित को सर्वोपरि बताते हुए अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करने का संकल्प लिया।
सूत्रों के अनुसार बैठक में सभी ने कानून के शासन और देश के संविधान में पूरा विश्वास जताते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करने का संकल्प व्यक्त किया और सभी देशवासियों से इसका पालन करने की अपील की।
सभी ने इस बात को जोर देकर कहा कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है। उन्होंने शांति, सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने और कानून के शासन में सरकार को पूरा सहयोग देने की बात कही। धर्मगुरुओं ने सरकार के शांति और कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए उठाए गए कदमों को समर्थन देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि दोनों समुदायों के लाखों लोगों ने जिम्मेदारी, संवेदनशीलता और संयम का परिचय देते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार किया। सभी ने विभिन्न समुदायों के बीच भविष्य में भी संवाद बनाए रखने पर जोर दिया।
देश में शांति और सुरक्षा की स्थिति बनाए रखने के लिए सरकार को बधाई दी। बैठक में बाबा रामदेव, स्वामी परमात्मानंद, शिया धार्मिक नेता मौलाना कल्बे जवाद और स्वामी चिदानंद सरस्वती सहित अनेक धर्मगुरुओं ने हिस्सा लिया।