लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट ने भले ही अयोध्या मामले में अपने फैसले में विवादित जमीन पर निर्मोही अखाड़े के दावे को खारिज कर दिया हो लेकिन इसके बाद भी अखाड़ा इस फैसले पर खुश है। निर्मोही अखाड़े ने कहा है कि अयोध्या में विवादित जमीन पर मालिकाना हक का अपना दावा खारिज होने का उसे कोई अफसोस नहीं है।
निर्मोही अखाड़े के वरिष्ठ पंच महंत धर्मदास ने बातचीत में कहा कि विवादित स्थल पर अखाड़े का दावा खारिज होने का कोई अफसोस नहीं है, क्योंकि वह भी रामलला का ही पक्ष ले रहा था। उन्होंने कहा कि न्यायालय ने रामलला के पक्ष को मजबूत माना है। इससे निर्मोही अखाड़े का मकसद पूरा हुआ है।
मालूम हो कि उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में यह कहते हुए निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज किया कि निर्मोही अखाड़ा रामलला की मूर्ति का उपासक या अनुयायी नहीं है।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि निर्मोही अखाड़े का दावा कानूनी समयसीमा के तहत प्रतिबंधित है।