सीमा बिसवास: बैंडिट क्वीन बनने का 'खामियाजा'

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- वंदना

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जब कोई लड़की हिंदी फिल्मों में अभिनेत्री बनने की ख्वाहिश लेकर आती है तो शायद उसकी लिस्ट में मेनस्ट्रीम फिल्में होती हैं। शायद वो चाहती हैं कि उसे नाम और काम दोनों मिले। शेखर कपूर की फिल्म 'बैंडिट क्वीन' से चर्चा में आने वाली अभिनेत्री सीमा बिसवास को नाम तो मिला लेकिन उन्हें इसकी भरी कीमत देनी पड़ी।

हाल ही में दिल्ली आई सीमा ने बीबीसी से बात करते हुए बताया, 'भारत में फिल्म रिलीज होने से पहले ही विवादों में आ गई। इन सब बातों से मैं बहुत दुखी हुई। मैं मुंबई शिफ्ट हो चुकी थी। मैं इतना उदास हो गई थी कि मैं खुद को घर में बंद कर लेती थी और दिन भर सोचती रहती थी।'

अपनी बात को आगे रखते हुए सीमा कहती हैं, 'आज भी मुझे ये बात सोच कर रोना आता है कि लोग 'बैंडिट क्वीन' को किस दृष्टि से देख रहे थे। एक दर्दनाक घटना घट रही है, लेकिन आपको उस घटना का दर्द नहीं बल्कि कुछ और ही नजर आ रहा है। मैं रातों रात फैमस हो गई लेकिन फिल्म में मेरे अभिनय के लिए नहीं क्योंकि फिल्म तो रिलीज ही नहीं हुई थी, बल्कि इसलिए क्योंकि फिल्म में कुछ नग्न दृश्य थे।'

सही फिल्म, गलत टाइम : सीमा ये भी मानती हैं कि निर्देशक शेखर कपूर ने ये फिल्म समय से बहुत पहले ही बना डाली अगर आज ये फिल्म बनी होती तो तहलका मच जाता। सीमा कहती हैं, 'शेखर कपूर ने ये फिल्म गलत टाइम पर बनाई। लेकिन इतनी बोल्ड फिल्म बनाने के लिए हिम्मत चाहिए।'

फिल्म में सीमा ने फूलन देवी की भूमिका निभाई थी। उन्हें अपने इस किरदार के लिए राष्ट्रिय पुरस्कार भी मिला।

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सीमा बिसवास एक बेहतरीन अदाकारा हैं लेकिन इसके बावजूद वो कम ही फिल्मों में नजर आती हैं। ऐसा क्यों? इस सवाल का जवाब देते हुए सीम कहती हैं, 'मेरे पास अलग तरह के रोल बहुत कम आते हैं। आजकल की फिल्मों में जिस तरह के रोल चल रहे हैं लोग मुझे वो ऑफर नहीं करते। मैं खुद चाहती हूं कि मैं ज्यादा से ज्यादा फिल्मों में काम करूं।'

रोल का चुनाव कैसे : लेकिन जब सीमा फिल्में करती हैं तो अपने रोल में क्या देखती हैं वो। सीमा कहती हैं उन्हें इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि उनका रोल छोटा है या बड़ा उन्हें फिल्म की कहानी पसंद आनी चाहिए बस।

वो कहती हैं, 'मैं माधुरी दीक्षित या फिर ऐश्वर्या राय तो हूं नहीं कि ये सोचूं कि ये रोल छोटा है या बड़ा। सबसे पहले मैं निर्देशक के दिमाग में क्या कहानी है वो सुनती हूं। फिर मैं खुद फिल्म की कहानी पड़ती हूं। अगर वो किरदार मुझे भाता है तो मैं फिल्म कर लेती हूं।'

सीमा ने बैंडिट क्वीन के अलावा 'खामोशी', 'हजार चौरासी की मां', 'कंपनी', 'पिंजर' और 'मिडनाइट्स चिल्ड्रेन' जैसी फिल्मों में काम किया है।

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