प्रदीप कुमार, बीबीसी संवाददाता
लॉर्ड्स के मैदान पर इंग्लैंड की वर्ल्ड कप जीत में किस्मत की अहम भूमिका रही हो लेकिन टीम इस मुकाम तक पहुंचाने वाले रहे हैं बेन स्टोक्स। जब कीवी गेंदबाज इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर को पैवेलियन भेज चुके थे तब बेन स्टोक्स जम गए और उनकी नॉट आउट 84 रनों की पारी ने पहले मैच को टाई तक पहुंचाया।
इसके बाद सुपर ओवर में बने 15 रनों में स्टोक्स ने 8 रन बटोरे। हालांकि सुपर ओवर में भी मैच टाई हो गया। ऐसे में वर्ल्ड कप चैंपियन का फैसला बाउंड्री के आधार पर हुआ, इस मैच में बेन स्टोक्स के बल्ले से 2 छक्कों सहित 7 बाउंड्रीज थीं।
जाहिर है, इंग्लैंड अगर वर्ल्ड चैंपियन बना है तो उसमें सबसे बड़ा योगदान बेन स्टोक्स का रहा। तभी तो इंग्लिश कप्तान इयोन मोर्गन को कहना पड़ा कि 'स्टोक्स ऑलमोस्ट सुपर ह्यूमन जैसे हैं।'
ये भी क्या दिलचस्प है कि बेन स्टोक्स का जन्म भी न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में हुआ है और उनके पिता न्यूजीलैंड की नेशनल रग्बी टीम की ओर से खेल चुके थे। स्टोक्स जब 13 साल के थे, तब उनका परिवार इंग्लैंड में आकर बस गया, तब शायद ही उनके परिवार ने सोचा होगा कि एक दिन ऐसा आएगा जब स्टोक्स के चलते न्यूजीलैंड वर्ल्ड कप हार जाएगा।
कम से कम उनके पिता गेर्राड स्टोक्स ने तो नहीं हो सोचा होगा, जो कुछ साल इंग्लैंड में रहने के बाद अपने देश अपने शहर क्राइस्टचर्च वापस आ गए, जहां रविवार को वे अपने घर पर टीवी पर फाइनल मैच देख रहे थे और न्यूजीलैंड की जीत की दुआएं कर रहे थे।
इसका जिक्र टीवी कमेंटेटर नासिर हुसैन बार-बार कर रहे थे कि पिता न्यूजीलैंड को जीत दिलाना चाह रहे होंगे लेकिन बेटा इंग्लैंड को जिताने की तरफ बढ़ रहा है।
बेन स्टोक्स के पिता को भी अपने बेटे के शानदार खेल पर फख्र है लेकिन न्यूजीलैंड की वेबसाइट 'स्टफ' में एक दिलचस्प कहानी छपी है कि कैसे बेन स्टोक्स के पिता फाइनल मुकाबले के बाद न्यूजीलैंड में सबसे ज्यादा नफरत किए जाने वाले डैड बन गए हैं।
वैसे फाइनल कोई पहला मौका नहीं था, जब बेन स्टोक्स ने मैच जिताने वाली पारी खेली। इस वर्ल्ड कप में उन्होंने कम से कम 5 मौकों पर इंग्लैंड के लिए जरूरी वक्त में विकेट पर टिककर बल्लेबाजी की है।
क्रिकेट के अपने मूल स्वरूप में देखने वाले कई विश्लेषकों की नजर में बेन स्टोक्स सही मायने में क्रिकेटिंग ऑलराउंडर हैं। कई लोगों को उनमें गैरी सोबर्स और इयान बॉथम जैसे जोरदार ऑलराउंडर की झलक मिलती रही है जिनमें बल्ले से कहीं बेहतर दमखम दिखाने का माद्दा है।
28 साल के स्टोक्स दाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं लेकिन वे मिडिल ऑर्डर में बाएं हाथ से बल्लेबाजी करते रहे हैं। 52 टेस्ट मैचों में बेन स्टोक्स के नाम 127 विकेट के अलावा 6 शतक हैं जबकि 95 वनडे में 70 विकेट के साथ वे 3 शतक बना चुके हैं। टेस्ट मैचों में उनका सबसे बड़ा स्कोर 258 रनों का है।
बैड ब्वॉय
पर दिलचस्प यही है कि आलराउंडर बेन स्टोक्स कल से पहले तक इंग्लिश क्रिकेट के बैड ब्वॉय बने हुए थे। 2016 में ब्रिस्टल के एक नाइट क्लब के बाहर उनके हाथापाई के वीडियो ने उनकी ये पहचान बनाई। वे गिरफ्तार भी हुए और मामला अदालत तक पहुंचा।
किसी भी इंग्लिश और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर के लिए एशेज सिरीज सबसे अहम माना जाती रही है लेकिन इस विवाद के चलते वे उस साल एशेज नहीं खेल पाए थे। अकेले जून 2016 में बेन स्टोक्स में 4 बार इंग्लैंड में तेज गति से गाड़ी चलाने के दोषी पाए गए थे।
हालांकि वह भी पहली बार नहीं था। उससे पहले 2011 में भी शराब के नशे में डरहम में ट्रैफिक पुलिस के साथ भिड़ गए थे। 2012 में भी पुलिस ने उन्हें नशे की हालत में पकड़ा था, लेकिन तब उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था। 2013 में उन्हें मैट कोल्स के साथ बीच ऑस्ट्रेलियाई दौरे से वापस भेज दिया गया था। आरोप वही था कि शराब के नशे में उन्हें टीम अनुशासन की कोई चिंता नहीं थी।
क्रिकेट के मैदान पर भी वे विपक्षी खिलाड़ियों से उलझते रहे हैं। भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली और बांग्लादेशी क्रिकेटर सब्बीर रहमान के साथ उनका विवाद क्रिकेट प्रेमी भूले नहीं हैं। इतना ही नहीं, 2015 में लॉर्ड्स में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए वनडे मुकाबले में उन्होंने मिचेल स्टार्क की थ्रो को हाथ से रोक दिया था।
लेकिन वर्ल्ड कप फाइनल के बाद बेन स्टोक्स इंग्लिश क्रिकेट के नए सुपरस्टार हैं। नाइट क्लब के बाहर मारपीट ने भले उन्हें एक पहचान दी थी लेकिन इंग्लैंड को वर्ल्ड चैंपियन बनाकर उन्होंने ऐसा करिश्मा रच दिया जिसकी मिसाल हमेशा दी जाएगी। क्रिकेट को जन्म देने वाले इंग्लैंड के लिए बेन स्टोक्स ने 44 साल तक चले वर्ल्ड कप जीत के इंतजार को खत्म कर दिया है।