कोरोना : चीन की 'एंटी-वायरस' कारें क्या एक चालबाजी है?

BBC Hindi
मंगलवार, 5 मई 2020 (15:05 IST)
जस्टिन हार्पर (बीबीसी संवाददाता)
 
चीन में कार कंपनियां स्वास्थ्य को लेकर लोगों में पैदा हो रही चिंता को देखते हुए एंटी-वायरस फीचर वाली गाड़ियां बना रही हैं। नए मॉडल्स का मकसद केबिन के अंदर वैसा ही प्रोटेक्शन मुहैया कराना है जैसा कि आपको मास्क पहनने पर मिलता है।
 
देश की कुछ सबसे बड़ी कार कंपनियों ने इस तरह के फीचर वाली नई कारें लॉन्च की हैं। इन कंपनियों में गीली भी शामिल है जो कि लंदन ब्लैक कैब्स भी बनाती है। कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन करना पड़ा और इस वजह से साल की पहली तिमाही में चीन में कारों की बिक्री में गिरावट आई है।
 
गीली एंटी-वायरस फीचर वाली कार लॉन्च करने वाली पहली कंपनी है। वायु प्रदूषण की वजह से आवाजाही करने वालों को अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंता हो रही है और कंपनी इसी तबके पर फोकस कर रही है।
ALSO READ: अमेरिका का चीन पर आरोप, चिकित्सा सामानों की जमाखोरी के लिए छुपाई कोरोना की भयानकता
कंपनी के हेल्दी कार प्रोजेक्ट का मकसद छोटे पार्टिकल्स को कार में घुसने से रोकना है। इस तरह से कार ड्राइवर और पैसेंजरों को ख़तरनाक तत्वों से बचाना है। गीली एंटी-माइक्रोबायल मैटेरियल्स को भी डिवेलप कर रही है ताकि कार कंट्रोल्स और डोर हैंडल्स को बैक्टीरिया और वायरस से फ्री रखा जा सके।
 
गीली के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंज्यूमर्स अपनी कारों में काफी वक्त बिताते हैं। यह उनके दूसरे घर जैसी होती है। स्वास्थ्यवर्धक उत्पादों को बनाने के जरिए ही हम अच्छी जिंदगी की कंज्यूमर्स की डिमांड को पूरा कर सकते हैं। ड्राइवरों और पैसेंजरों के स्वास्थ्य को बचाने वाले फीचर विकसित करना ही कंपनी का प्रमुख लॉन्ग-टर्म डिवेलपमेंट मकसद है।
 
गीली की नई कार की कॉन्टैक्टलैस डिलीवरी के लिए कंपनी ड्रोन्स का इस्तेमाल कर रही है ताकि ग्राहकों को चाबियां पहुंचाई जा सकें। ब्रिटेन के आइकॉनिक ब्रांड एमजी की मालिक एसएआईसी ने एक अल्ट्रावायलेट लैंप का ऑप्शनल फीचर जोड़ा है। यह लैंप कार के एयर कंडीशनिंग सिस्टम के जरिए आने वाली हवा को स्टरलाइज करता है।
 
प्रतिस्पर्धी कार कंपनी गुआंगझो ऑटोमोबाइल (जीएसी) एक नया 3 स्तरीय एयर फिल्टर सिस्टम अपनी कई नई कारों में ला रही है। रिसर्च फर्म फ्रॉस्ट एंड सुलीवान को लगता है कि ये नए उपाय महज चालाकी नहीं हैं। फ्रॉस्ट एंड सुलीवान के मोबिलिटी एक्सपर्ट विवेक वैद्य कहते हैं कि कारों में हेल्थ-वेलनेस-वेलबीइंग फीचर्स बनाने पर निश्चित तौर पर फोकस है। इन फीचरों का डिवेलपमेंट पहले ही चल रहा था, लेकिन कोविड-19 ने इसे और ज्यादा तेज कर दिया है।
ALSO READ: अच्‍छी खबर, चीन में सामने आए Corona virus के सिर्फ 2 मामले
न केवल इन फीचर्स से हाइजीन और स्वास्थ्य मसलों को हल करने की कोशिश की जा रही है, बल्कि ये आने वाले वक्त में ब्रांड्स और मॉडल्स के लिए प्रमुख डिफरेंशिएटर साबित होंगे। वह कहते हैं कि यह केवल चीन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक ग्लोबल ट्रेंड बन गया है।
 
हालांकि, चाइना मार्केट रिसर्च ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर शाउन रीन इस बात से सहमत नहीं हैं कि कंपनियां कोविड-19 के डर का फायदा उठाने की कोशिश में हैं। वे इस चाल से महंगे दाम पर उत्पादों और सेवाओं को ग्राहकों को बेचना चाहती हैं।
 
2015 में टेस्ला ने एंटी-पॉल्यूशन सिस्टम्स वाली कारें बेचीं। ये कारें चीन में काफी लोकप्रिय रहीं। कंपनी के बायोवेपन डिफेंस मोड का मकसद एयर पॉल्यूशन से चिंतित लोगों को अपने उत्पाद खरीदने के लिए उत्साहित करना था।
ALSO READ: ट्रंप ने किया दावा, Corona virus चीन की वुहान प्रयोगशाला से पैदा हुआ
रीन कहते हैं कि ऑटो कंपनियां अब वायरस से भी अपनी कारों के सुरक्षित होने का दावा कर रही हैं। मैं डॉक्टर या वैज्ञानिक नहीं हूं, लेकिन मैं कंज्यूमर्स को इस बात की चेतावनी देना चाहता हूं कि वायरस के ट्रांसमिशन को कमजोर करने वाले उनके उत्पादों और खासतौर पर कोविड-19 को कमजोर करने के दावों को लेकर वे सचेत रहें।
 
इसी महीने पेंट कंपनी निप्पोन ने कहा था कि उसने एक एंटीवायरस कोटिंग डिवेलप की है जो कि लोगों को सरफेस से वायरस की चपेट में आने से बचाती है। हालांकि, कंपनी ने इसमें कोरोना वायरस का नाम नहीं लिया। जापानी कंपनी ने यह भी कहा कि नया वायरसगार्ड पेंट हॉस्पिटलों में इस्तेमाल करने के लिए बनाया गया है और कंपनी वुहान के चार हॉस्पिटलों को यह डोनेट भी कर चुकी है।
ALSO READ: कोरोना: चीन के दबाव में यूरोपीय संघ ने बदली आलोचना वाली रिपोर्ट?
फरवरी में चीन में कारों की बिक्री में 80 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई। यह पिछले 20 साल की सबसे बड़ी गिरावट थी। हालांकि, मार्च में बिक्री में कुछ रिकवरी हुई, लेकिन यह अभी भी पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 43 फीसदी कम रही है। अप्रैल के आंकड़ों में थोड़ा और सुधार आ सकता है क्योंकि लोग काम पर वापस लौटने लगे हैं।
 
वैद्य कहते हैं कि हमारा विश्लेषण बताता है कि कार सेल्स को कोविड-19 के पहले वाले स्तर पर लौटने में करीब 3 साल का वक्त लगेगा।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

Realme के 2 सस्ते स्मार्टफोन, मचाने आए तहलका

AI स्मार्टफोन हुआ लॉन्च, इलेक्ट्रिक कार को कर सकेंगे कंट्रोल, जानिए क्या हैं फीचर्स

Infinix Note 40 Pro 5G : मैग्नेटिक चार्जिंग सपोर्ट वाला इंफीनिक्स का पहला Android फोन, जानिए कितनी है कीमत

27999 की कीमत में कितना फायदेमंद Motorola Edge 20 Pro 5G

Realme 12X 5G : अब तक का सबसे सस्ता 5G स्मार्टफोन भारत में हुआ लॉन्च

अगला लेख