CAA : नागरिकता क़ानून से चिंतित असम के ये हिन्दू

BBC Hindi
गुरुवार, 19 दिसंबर 2019 (10:38 IST)
फ़ैसल मोहम्मद अली (बीबीसी संवाददाता, बक्सा, बोडोलैंड (असम) से)
 
'भारतीय होने के बावजूद भारतीय न माने जाने का ग़म' ही क्या कम था चंदन डे के लिए कि अब ये फ़िक्र आ पड़ी- हिन्दू होने के बावजूद वो नागरिकता के लिए आवेदन नहीं दे सकते, क्योंकि नागरिकता क़ानून आदिवासी बोडोलैंड क्षेत्र में लागू नहीं है।
ALSO READ: क्या CAA विरोध प्रदर्शन के दौरान बंगाल में हिंदुओं को घर से बाहर निकालकर मारा गया, जानिए वायरल तस्वीर का सच...
अपनी टूटी-फूटी हिन्दी में चंदन कहते हैं, 'ऊ कानून तो जो नया लोग आएगा उस पर लागू होगा न, पर हम तो पुराना आदमी है, हमको भी उनका तरह नया बना दिया। और क़ानून है न कि वो तो बीटीएडी (बोडोलैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेटिव डिस्ट्रिक्ट) में लगेगा नहीं।'
 
नरेन्द्र मोदी सरकार की आईएलपी एरिया, असम, मेघालय, मिज़ोरम और त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों को क़ानून के दायरे से बाहर रखने की रणनीति ने क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध को कुछ कमज़ोर ज़रूर कर दिया है लेकिन इन इलाक़ों, ख़ास तौर पर बोडो क्षेत्र में बसे लाखों हिन्दुओं के लिए नई मुश्किलें पैदा कर दी हैं।
 
पेशे से शिक्षक संजय सम्मानित कहते हैं कि बाहर के हिन्दुओं की रहने दें, अमित शाह पहले ये तो बताएं, 'किस तरह, कितनी बार साबित करें कि हम इंडियन हैं।' 'नागरिकता संशोधन क़ानून यानी CAA से स्थानीय बंगालियों का कोई फ़ायदा नहीं है, क्योंकि वो तो पहले से ही भारत के नागरिक हैं। क्या सरकार उनको भी शरणार्थियों के साथ मिलाएगी? और तब उनको नागरिक माना जाएगा!' संजय सवाल करते हैं, 'सरकार ये तो बताए कि जो भारतीय नागरिक हैं उनका क्या करना है?'
 
भारत आए शरणार्थी
 
असम के 4 ज़िलों- कोकराझार, बक्सा, चिरांग और उदालगिरि वाले बोडोलैंड में ऑल असम बंगाली युवा छात्र परिषद के मुताबिक़ लाखों ऐसे हिन्दू हैं जिनका नाम एनआरसी यानी नागरिकता रजिस्टर में शामिल नहीं हो पाया है और अब चिंता ये है कि उनके रिहाइशी इलाक़े में नागरिकता क़ानून लागू नहीं होगा, तो उनके लिए रास्ता क्या है?
 
लोग पूछ रहे हैं कि क्या अब हमको साबित करना होगा कि हमारे बाप-दादा यहां 50-60 साल पहले नहीं बल्कि 10-15 साल पहले आए थे और हम भारतीय नहीं हैं या कि बांग्लादेश या पाकिस्तान से भागकर भारत आए शरणार्थी हैं?
 
कुमारीकला निवासी छात्र परिषद के सुशील दास बताते हैं, 'बंगाली संगठन गृहमंत्री अमित शाह से मिलने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन क़ानून के ख़िलाफ़ बढ़ते विरोध को लेकर लगता नहीं कि जल्द ही मुमकिन हो पाएगा।' गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में कहा था कि सरकार पूरे देश में एनआरसी करवाएगी और ये असम में भी फिर से करवाया जाएगा।
 
मगर असम में हाल में हुए एनआरसी, जिसमें लोगों को दस्तावेज़ जुटाने से लेकर बाबुओं-अधिकारियों और वकीलों के घर-दफ़्तर के चक्कर काटने के लगातार सिलसिले ने आर्थिक और मानसिक रूप से लोगों को इस क़दर थका दिया है कि वो एक और एनआरसी की बात सुनकर झल्ला उठते हैं।
नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़
 
चंदन कहते हैं, 'चाहे मार दो या यहां रख लो, अब मेरी हिम्मत नहीं है फिर से हज़ारों ख़र्च करने की।' वे पूछते हैं, 'जब हिन्दू राष्ट्र में हमारी सुरक्षा नहीं तो हम कहां जाएंगे? नेहरूजी जब प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने हमको बुलाया था, हम लोगों को कैंपों में रखा गया, ज़मीनें दी गईं, नागरिकता मिली और अब उन दस्तावेज़ों का कोई मोल नहीं? वो सब हम चने बेचकर थोड़े ही लाए थे, सरकार ने दिए थे वो दस्तावेज़, उनका कोई मोल नहीं? हिन्दुओं का कोई अस्तित्व नहीं?'
 
संजय सम्मानित का ट्यूशन सेंटर बुधवार को भी बंद रहा, नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ जारी विरोध-प्रदर्शन के बीच चंद बंगालियों पर हुए हमलों की ख़बर से लोग डरे हुए हैं। संजय कहते हैं, 'असम समझौते के बाद के 30 सालों में बंगालियों और असमियों के बीच एक तरह की शांति स्थापित हो गई थी जिसे एनआरसी ने आकर तोड़ा और अब उसको नागरिकता संशोधन कानून ने और बढ़ा दिया है।'
 
बांग्लादेशी हिन्दुओं के लिए
 
असम के एक उग्र नेता का वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ूब घूम रहा है जिसमें धमकी दी गई है कि अगर बांग्लादेशी हिन्दुओं के लिए नागरिकता क़ानून लागू होगा तो सभी बंगाली हिन्दुओं को असम से खदेड़ दिया जाएगा।
 
वकालत की पढ़ाई कर रहे प्रसन्नजीत डे कहते हैं, 'सोचिए किस तरह की फीलिंग है लोगों के मन में बंगाली हिन्दुओं के लिए।' इलाक़े में हुकूमत और अलग बोडो देश की मांग कर रही प्रतिबंधित संस्था नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड से वार्ता की भी अफ़वाहें जारी हैं जिसने बंगाली हिन्दुओं के लिए यहां माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया है।
 
ऑल असम बंगाली युवा छात्र परिषद के सुशील दास कहते हैं, 'बंगाली हिन्दुओं ने बीजेपी को ये सोचकर वोट दिया था कि हिन्दुत्वादी संगठन हमारे हितों का ध्यान रखेगी, लेकिन अब मालूम नहीं क्या होगा?' (फ़ाइल चित्र)
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

India-Pakistan Conflict : सिंधु जलसंधि रद्द होने पर प्यासे पाकिस्तान के लिए आगे आया चीन, क्या है Mohmand Dam परियोजना

Naxal Encounter: कौन था बेहद खौफनाक नक्‍सली बसवराजू जिस पर था डेढ़ करोड़ का इनाम?

ज्‍योति मल्‍होत्रा ने व्‍हाट्सऐप चैट में हसन अली से कही दिल की बात- कहा, पाकिस्‍तान में मेरी शादी करा दो प्‍लीज

भारत के 2 दुश्मन हुए एक, अब China ऐसे कर रहा है Pakistan की मदद

गुजरात में शेरों की संख्या बढ़ी, खुश हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

सभी देखें

मोबाइल मेनिया

iQOO Neo 10 Pro+ : दमदार बैटरी वाला स्मार्टफोन, जानिए क्या है Price और Specifications

itel A90 : 7000 रुपए से भी कम कीमत में लॉन्च हुआ iPhone जैसा दिखने वाला स्मार्टफोन

सिर्फ एक फोटो से हैक हो सकता है बैंक अकाउंट, जानिए क्या है ये नया व्हाट्सएप इमेज स्कैम

Motorola Edge 60 Pro : 6000mAh बैटरी वाला तगड़ा 5G फोन, जानिए भारत में क्या है कीमत

50MP कैमरे और 5000 mAh बैटरी वाला सस्ता स्मार्टफोन, मचा देगा तूफान

अगला लेख