शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार, 22 जून को नीट-यूजी परीक्षा में कथित गड़बड़ी की जांच सीबीआई को सौंप दी है। इतना ही नहीं केंद्र ने नीट की परीक्षा का आयोजन करवाने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के सुबोध कुमार सिंह को महानिदेशक के पद से भी हटा दिया है। उनकी जगह प्रदीप सिंह खरौला को एनटीए के महानिदेशक पद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
इसके अलावा सरकार ने 23 जून, रविवार को होने वाली नीट-पीजी परीक्षा भी स्थगित कर दी है। सरकार ने कहा, इस परीक्षा की नई तिथि जल्द ही अधिसूचित की जाएगी। नीट-यूजी परीक्षा को रद्द किए जाने की मांगों के बीच एनटीए, रविवार को 1563 छात्रों की दोबारा परीक्षा आयोजित करवा रहा है।
एनटीए का कहना था कि 5 मई को हुई परीक्षा में 1563 छात्रों को समय कम मिलने पर ग्रेस मार्क्स दिए गए थे। यूनाइटेड डॉक्टर्स फ़्रंट एसोसिएशन के नेशनल प्रेसिडेंट डॉ. लक्ष्य मित्तल ने आरोप लगाया कि भारत के मेडिकल सिस्टम को नष्ट किया जा रहा है। उन्होंने कहा, नीट-पीजी परीक्षा को स्थगित करना, नीट-यूजी के बाद एक और घोटाला है। 10 घंटे पहले परीक्षा का स्थगित होना जब अभ्यर्थी पता नहीं कहां-कहां से अपने सेंटर पहुंचे हैं, डॉक्टरों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
इससे पहले शिक्षा मंत्रालय ने पेपर लीक के आरोपों के बाद यूजीसी-नेट परीक्षा को रद्द कर दिया था। यह परीक्षा 18 जून को हुई थी और अगले ही दिन इसे रद्द कर दिया गया था। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष तरीके से संचालित करने के लिए विशेषज्ञों की भागीदारी के साथ एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।
उच्च स्तरीय समिति में कौन-कौन है?
उच्च स्तरीय समिति के बारे में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, पारदर्शी, बिना किसी छेड़छाड़ के और कोई भी ग़लती किए बिना परीक्षाओं का आयोजन कराना सरकार की प्रतिबद्धता है। विशेषज्ञों की उच्च स्तरीय समिति का गठन परीक्षा प्रक्रिया की दक्षता में सुधार करने, सभी संभावित कदाचारों को ख़त्म करने, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल को मज़बूत करने और एनटीए में सुधार करने के लिए कई कदमों की श्रृंखला में पहला क़दम है।
समिति में अध्यक्ष समेत सात सदस्य इस प्रकार हैं :
1. डॉ. के. राधाकृष्णन, अध्यक्ष (इसरो के पूर्व अध्यक्ष और अध्यक्ष, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, आईआईटी कानपुर)
2. डॉ. रणदीप गुलेरिया, सदस्य (पूर्व निदेशक, एम्स दिल्ली)
3. प्रो. बीजे राव, सदस्य (कुलपति, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय)
4. प्रो. राममूर्ति के., सदस्य (प्रोफेसर एमेरिटस, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी मद्रास)
5. पंकज बंसल, सदस्य (सह-संस्थापक, पीपुल्स स्ट्रॉन्ग और बोर्ड सदस्य- कर्मयोगी भारत)
6. प्रो. आदित्य मित्तल, सदस्य (आईआईटी दिल्ली के स्टूडेंट अफ़ेयर्स डीन)
7. गोविंद जायसवाल, सदस्य (संयुक्त सचिव, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार)
शिक्षा मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि समिति इस आदेश के जारी होने के दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगी। इस बीच सरकार ने पेपर लीक मामलों पर अंकुश लगाने के लिए नए क़ानून को लागू कर दिया गया है। बीते शुक्रवार को जारी की गई अधिसूचना में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ 10 साल की सज़ा और एक करोड़ रुपए के ज़ुर्माने का प्रावधान है।
क्या कहना है शिक्षा मंत्री का?
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, जो कुछ हुआ उसकी मैं जिम्मेदारी ले रहा हूं। हम उन लोगों को नहीं छोड़ेंगे जो पेपर लीक के लिए जिम्मेदार हैं। एक बार जब बिहार पुलिस की जांच पूरी हो जाएगी, तो और अधिक स्पष्टता होगी। उन्होंने कहा, एनटीए या इस संगठन से जुड़ा कोई भी व्यक्ति इस मामले का दोषी होगा तो उसके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी।
यूजीसी नेट की रद्द हुई परीक्षा में उन्होंने बताया, उसी उसी दिन दोपहर तक सूचना मिली की यूजीसी नेट का प्रश्न पत्र डार्कनेट पर उपलब्ध है। हमने मूल प्रश्न पत्र से सत्यापन किया और परीक्षा को तुरंत रद्द करने का निर्णय लिया गया। नीट परीक्षा को रद्द किए जाने की मांग को लेकर प्रधान ने कहा, लाखों छात्रों ने यह परीक्षा पास की है, हम उनके हितों को ध्यान में रखते हुए फैसला लेंगे।
इस मामले में पटना पुलिस की ओर से की गई जांच से हम संतुष्ट हैं। विपक्ष की ओर से हो रही आलोचना पर उन्होंने कहा, मैं विपक्षी दलों से अनुरोध करता हूं कि वे इस मुद्दे का राजनीतिकरण न करें।
विपक्ष हमलावर
एक के बाद एक परीक्षाएं रद्द होने या स्थगित होने को विपक्ष ने मुद्दा बना लिया है और इसे लेकर वह सरकार पर हमलावर है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता आनंद दुबे ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से तुरंत इस्तीफ़ा देने की मांग की है। उन्होंने कहा, धर्मेंद्र प्रधान को तत्काल इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, अब नीट पीजी भी स्थगित। यह नरेंद्र मोदी के राज में बर्बाद हो चुकी शिक्षा व्यवस्था का एक और दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण है। भाजपा राज में छात्र अपना करियर बनाने के लिए पढ़ाई नहीं, अपना भविष्य बचाने के लिए सरकार से लड़ाई लड़ने को मज़बूर हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि नौकरशाहों का फेरबदल करना भाजपा के ज़रिए बर्बाद की गई शिक्षा प्रणाली की समस्या का समाधान नहीं है। नीट घोटाले में मोदी सरकार के शीर्ष अधिकारियों को ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है। उन्होंने लिखा, एनटीए को एक स्वायत्त संस्था के रूप में पेश किया गया था, लेकिन वास्तव में इसे भाजपा और आरएसएस के हितों को पूरा करने के लिए बनाया गया है।
उन्होंने लिखा, पिछले 10 दिनों में 4 परीक्षाएं रद्द या स्थगित कर दी गई हैं। पेपर लीक, भ्रष्टाचार, अनियमितताएं और शिक्षा माफ़िया ने हमारी शिक्षा प्रणाली में घुसपैठ कर ली है। देर से की गई कार्रवाई से कोई फ़ायदा नहीं होने वाला है क्योंकि अनगिनत युवा इससे परेशान हो रहे हैं।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, यह सरकार परीक्षाएं आयोजित कराने में सक्षम नहीं है। सरकार ने युवाओं के बीच अपना भरोसा खो दिया है। चार दिन पहले एनटीए को क्लीन चिट देने वाले शिक्षा मंत्री अब उसके महानिदेशक को हटा रहे हैं। डीएमके नेता सरवनन अन्नादुरै ने एक वीडियो संदेश में कहा, आज़ाद भारत के इतिहास में छात्रों के लिए परीक्षाएं कराने तक में इतनी अक्षम सरकार नहीं देखी है।
यह रद्द होने वाली तीसरी परीक्षा है और चौथा एक्ज़ाम है जिस पर संदेह के बादल हैं। आरएसएस के अनुषांगिक छात्र संगठन एबीवीपी के जनरल सेक्रेटरी यज्ञवल्क शुक्ला ने कहा, नीट-पीजी परीक्षा करने के पीछे क्या कारण थे, उसे सरकार को बताना चाहिए क्योंकि विद्यार्थियों में आक्रोश है।
एनटीए क्या है?
एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) की स्थापना केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर योग्यता परीक्षाओं का आयोजन करने के लिए एक स्वायत्त संगठन के रूप में की गई है। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी को परीक्षा की संपूर्ण तैयारी, उसके आंकलन, कार्यान्वयन और इससे जुड़े मुद्दों के समाधान की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
संस्थान के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय मानकों, दक्षता और पारदर्शी प्रवेश प्रक्रिया और भर्ती के लिए उम्मीदवारों का मूल्यांकन किया जाता है। उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश/फ़ेलोशिप के लिए प्रवेश परीक्षाएं एनटीए के माध्यम से आयोजित की जाती हैं। इसमें नीट और नेट सहित अन्य परीक्षाएं शामिल हैं।
टाइमलाइन
5 मई : देश में 571 शहरों के 4,750 परीक्षा केंद्रों पर करीब 24 लाख छात्रों ने नीट यूजी परीक्षा दी।
4 जून : परीक्षा परिणाम घोषित, जिसमें 67 छात्रों ने टॉप किया। इसके बाद पेपर लीक के आरोप लगे, जिससे एनटीए और शिक्षा मंत्री दोनों ने इनकार किया।
13 जून : नीट यूजी परीक्षा को रद्द करने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसकी काउंसिल पर रोक लगाने से इनकार किया और एनटीए से जवाब मांगे। एनटीए ने ग्रेस पाने वाले 1563 की दोबारा परीक्षा आयोजित करने की बात कही।
14 जून : शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने परीक्षा में किसी भी तरह की अनियमितता से इनकार किया।
15 जून : 8 अभ्यर्थियों ने ओएमआर आंसर शीट्स का फिर से मूल्यांकन और अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली एक और याचिका दायर की।
17 जून : शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नीट यूजी परीक्षा में कुछ जगहों पर अनियमितता की बात स्वीकार की।
19 जून : केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द की। यह परीक्षा एक दिन पहले यानी 18 जून को हुई थी। देशभर की यूनिवर्सिटीज में जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) और असिस्टेंट प्रोफ़ेसर पद के लिए लाखों बच्चे यह परीक्षा देते हैं। इसमें करीब दस लाख बच्चों ने हिस्सा लिया था। इस परीक्षा का आयोजन भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने करवाया था।
20 जून : केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने हाई लेवल कमेटी की गठन किया। यह कमेटी एनटीए के कामकाज को मजबूत बनाने के लिए सिफारिश देगी।
21 जून : सुप्रीम कोर्ट ने नीट की काउंसिल पर रोक लगाने से इनकार किया। नीट विवाद से जुड़ी सभी याचिकाओं पर अगली सुनवाई के लिए 8 जुलाई की तारीख़ तय की, जबकि छह जुलाई से नीट की काउंसिल शुरू हो रही है। 25 से 27 जून के बीच होने वाली सीएसआईआर-यूजीसी नेट परीक्षा स्थगित करने का आदेश।
22 जून : नीट परीक्षा में कथित धांधली की जांच सीबीआई को केंद्र सरकार ने सौंपी। सुबोध कुमार सिंह को एनटीए के महानिदेशक पद से हटाया और मेडिकल अभ्यर्थियों के लिए 23 जून को आयोजित होने वाली नीट-पीजी परीक्षा स्थगित की।