पांच वजहों से ऐतिहासिक रहेगी मोदी की इसराइल यात्रा

Webdunia
शुक्रवार, 7 जुलाई 2017 (12:04 IST)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसराइल की ऐतिहासिक यात्रा पर गहरी दोस्ती के साथ: बिन्यामिन नेतन्याहू
संमदर किनारे खींची गई मोदी और नेतन्याहू की तस्वीर पर लिखे ये शब्द भारतीय प्रधानमंत्री की इसराइल यात्रा के बारे में काफी कुछ बयान कर देते हैं। और क्यों न करें।
 
इसराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू यूं ही तो नहीं नरेंद्र मोदी के दौरे को ऐतिहासिक बता रहे थे। ऐसी कई कारण हैं, जिनकी वजह से मोदी का इसराइल दौरा लंबे समय तक याद किया जाएगा। गुरुवार को ये यात्रा समाप्त कर मोदी जर्मनी के लिए रवाना हो गए।
 
पांच कारण
पहली वजह तो ये है कि सत्तर सालों में पहली बार भारत का कोई प्रधानमंत्री इसराइल के दौरे पर गया था। इसकी सबसे बड़ी वजह भारत की अपनी घरेलू स्थिति रही है।
दरअसल इसराइल और फ़लीस्तीनी क्षेत्र का विवाद भारत की आज़ादी से भी पुराना है और भारत हमेशा से अरब देशों का हिमायती रहा है। इसराइल से संबंध जब शुरू हुए उसके बाद देश में गठबंधन सरकारों का दौर शुरू हो गया था और कोई भी दल राजनीतिक वजहों से ये जोखिम नहीं उठाना चाहता था।
 
मोदी-नेतन्याहू
मोदी के इस दौरे को दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की पर्सनल केमिस्ट्री की वजह से भी याद किया जाएगा। मोदी जहां भी गए तकरीबन हर जगह हर फ्रेम में बिन्यामिन नेतन्याहू उनके साथ दिखे। समंदर किनारे वाली वो तस्वीर भी रेत पर निशान छोड़ने वाली कही जा सकती है। यहां तक कि नेतन्याहू प्रोटोकॉल तोड़कर मोदी को विदा करने एयरपोर्ट तक गए।
 
मोशे से मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस यात्रा में यरुशलम भी गए जहां उनकी 11 वर्षीय मोशे से ख़ास मुलाकात हुई। मोशे ने 2008 के मुंबई हमले में अपने मां-बाप को खो दिया है। तब चरमपंथियों ने चबाड हाउस पर भी हमला किया था जिसमें बेबी मोशे की जान किसी तरह बच गई थी। बेबी मोशे की नैनी ने उसे बचाने में अहम भूमिका अदा की थी। वे अब इसराइल के अफुला में अपने दादा-दादी के साथ रहते हैं।
रक्षा संबंध
इसराइल बीते 15 से 20 साल में भारत को रक्षा उपकरण देने के मामले में चौथा सबसे बड़ा देश बन चुका है। अमेरिका, रूस और फ़्रांस के बाद इसराइल का नंबर आता है। इसराइल ने भारत को कई तरह के मिसाइल सिस्टम, रडार और हथियार दिए हैं। इसराइल अपने आप बहुत बड़े प्लेटफ़ॉर्म और जहाज़ नहीं बनाता। लेकिन वो मिसाइल और रडार सिस्टम बनाता है। बीते डेढ़ दशक में भारत की इन पर निर्भरता बढ़ी है।
 
सात समझौते
दोनों देशों के द्विपक्षी संबंधों को मजबूत करने के लिए मोदी और नेतन्याहू ने सात समझौतों पर दस्तखत किए हैं। ये समझौते विज्ञान, टेक्नॉलॉजी, पानी के प्रबंधन, रिसर्च और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में किए गए हैं। चरमपंथ और आतंकवाद का मिलकर मुकाबला करने के लिए भी दोनों देशों के बीच समझौता हुआ है।
 
"आई फ़ॉर आई। इसका मतलब है इसराइल के लिए इंडिया और इंडिया के लिए इसराइल," इसराइल से भारत के संबंधों को रेखांकित करते हुए दिए गए मोदी के इस बयान से काफी कुछ साफ हो जाता है।
Show comments

जरूर पढ़ें

Gold Prices : शादी सीजन में सोने ने फिर बढ़ाई टेंशन, 84000 के करीब पहुंचा, चांदी भी चमकी

Uttar Pradesh Assembly by-election Results : UP की 9 विधानसभा सीटों के उपचुनाव परिणाम, हेराफेरी के आरोपों के बीच योगी सरकार पर कितना असर

PM मोदी गुयाना क्यों गए? जानिए भारत को कैसे होगा फायदा

महाराष्ट्र में पवार परिवार की पावर से बनेगी नई सरकार?

पोस्‍टमार्टम और डीप फ्रीजर में ढाई घंटे रखने के बाद भी चिता पर जिंदा हो गया शख्‍स, राजस्‍थान में कैसे हुआ ये चमत्‍कार

सभी देखें

मोबाइल मेनिया

सस्ता Redmi A4 5G लॉन्च, 2 चिपसेट वाला दुनिया का पहला 5G स्मार्टफोन

Vivo Y19s में ऐसा क्या है खास, जो आपको आएगा पसंद

क्या 9,000 से कम कीमत में आएगा Redmi A4 5G, जानिए कब होगा लॉन्च

तगड़े फीचर्स के साथ आया Infinix का एक और सस्ता स्मार्टफोन

Infinix का सस्ता Flip स्मार्टफोन, जानिए फीचर्स और कीमत

अगला लेख